प्रज्ञावाद वाक्य
उच्चारण: [ perjenyaavaad ]
उदाहरण वाक्य
- निःशोच्य का कर शोक कहता बात प्रज्ञावाद की.
- के भाग्यवाद और विदुर के प्रज्ञावाद के निरूपण को किंचित विस्तार दिया गया
- इनके स्थान पर आत्मा के सच्चे स्वरूप के विषय में सामाजिक कर्तव्य के विषय में उस युग के तत्ववादियों के विभिन्न मतों का एक जंजाल ही दिखाई देने लगा था, उदाहरणार्थ प्रज्ञावाद, नियतिवाद, भूतवाद, स्वभाववाद, यदृच्छावाद, सद्सद्वाद, योनिवाद आदि चिन्तनधाराएँ उस काल में जन्म ले चुकी थीं, परिणामतः समाज लड़खड़ा रहा था और मतिभ्रम उत्पन्न हो गया था।