बॄहस्पति वाक्य
उच्चारण: [ berrhespeti ]
उदाहरण वाक्य
- इस बात को भदावरी-ज्योतिष मे बॄहस्पति ग्रह के माध्यम से व्यक्त किया जाता है.
- ब्राह्मण शास्त्रज्ञों में प्रमुख हैं अग्निरस, अपस्तम्भ, अत्रि, बॄहस्पति, बौधायन, दक्ष,
- पुरुष की जीवात्मा का विवेचन बॄहस्पति से किया जाता है और स्त्री की जीवात्मा का विवेचन शुक्र ग्रह से किया जाता है.
- सम्भवत: इनकी मृत्यु के समय राहु-केतु, शनि और बॄहस्पति के गोचर का सम्बंध कुंण्डली के अष्टम, द्वादश, लग्न या फिर तीसरे भाव से होना चाहिए।
- बॄहस्पति वायव्यी ग्रह है, यह ज्योतिष ग्रन्थों एवं खगोलज्ञों को तो ज्ञात ही था किन्तु ‘ शूमेकर लेवी ' नामक कामेट (केतु) के टकरानें वाली घटना से पुनः पुष्टि हुई थी।
- इस प्रकार ये बात सामने आ रही है कि इनकी मृत्यु के समय राहु-केतु, शनि और बॄहस्पति के गोचर का सम्बंध कुंण्डली के अष्टम, द्वादश, लग्न या फिर तीसरे भाव से रहा।
- ब्राह्मण शास्त्रज्ञों में प्रमुख हैं अग्निरस, अपस्तम्भ, अत्रि, बॄहस्पति, बौधायन, दक्ष, गौतम, वत्स,हरित, कात्यायन, लिखित, मनु, पाराशर, समवर्त, शंख, शत्तप, ऊषानस, वशिष्ठ, विष्णु, व्यास, यज्ञवल्क्य तथा यम
- रवि को सूरज नमन, सोम शिव पूजते करते मंगल पवन सुत की आराधना बुध को चन्दा को हमने चढ़ाया अरघ और गुरु को बॄहस्पति की, की साधना शुक्र संतोष में बीत कर रह गया तेल शनि को शनि पर चढ़ाया किये भोर-संध्या नमन, रात को जागरण के स्वरों से रहा गूँजता आँगना
- जन्म के समय व्यक्ति की जन्मकुंडली में स्थित बॄहस्पति को देख कर पता लगाया जाता है कि उसके कौन से कर्म शेष थे जिन्हे पूर्ण करने के लिये जातक पृथ्वी पर वापस जन्म लेकर आया है और यही बॄहस्पति बताता है कितनी समयवधि के लिये उसका आगमन हुआ है और आयु की कितनी अवधि पश्चात वह पुन: जन्म लेने के लिये मॄत्यु को प्राप्त कर लेगा ।
- जन्म के समय व्यक्ति की जन्मकुंडली में स्थित बॄहस्पति को देख कर पता लगाया जाता है कि उसके कौन से कर्म शेष थे जिन्हे पूर्ण करने के लिये जातक पृथ्वी पर वापस जन्म लेकर आया है और यही बॄहस्पति बताता है कितनी समयवधि के लिये उसका आगमन हुआ है और आयु की कितनी अवधि पश्चात वह पुन: जन्म लेने के लिये मॄत्यु को प्राप्त कर लेगा ।
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