ब्रह्माण्डपुराण वाक्य
उच्चारण: [ berhemaanedpuraan ]
उदाहरण वाक्य
- ब्रह्माण्डपुराण में श्लोकों की संख्या बारह हजार हैं।
- (18) ब्रह्माण्डपुराण में श्लोकों की संख्या बारह हजार हैं।
- (18) ब्रह्माण्डपुराण में श्लोकों की संख्या बारह हजार हैं।
- ब्रह्मपुराण, ब्रह्माण्डपुराण, ब्रह्मवैवर्त पुराण में इसके ऐतिहासिक विवरण संकलित किए हैं।
- यह ' कुरु' कहाँ है सो ब्रह्माण्डपुराण के निम्न-लिखित श्लोक से स्पष्ट हो जाता है-
- इसे वेदव्यास रचित माना जाता है, क्योंकि यह ब्रह्माण्डपुराण का एक भाग माना जाता है ।
- 2 ब्रह्माण्डपुराण में यहाँ तक कहा गया है कि सर्वप्रथम ब्रह्मा ने पुराणों का स्मरण किया।
- इस श्लोक में हम ब्रह्माण्डपुराण की छाया तो अवश्य पाते हैं, परन्तु कुरु यहाँ उत्तर-कुरु होकर, उत्तर-ध्रुव के निकटवर्त्ती प्रदेशों से हटकर, मेरु और नील के मध्य में आ गया है।
- अतएव ब्रह्माण्डपुराण का कुरु-वर्ष या उत्तर-कुरु ही पद्मपुराण में ऐरावत हो गया है और पद्मपुराण में, उत्तर-कुरु मध्य-एशिया में आकर मेरु-पर्वत के पास ही उत्तर और नील-पर्वत के पास दक्षिण हो गया है।
- ब्रह्माण्डपुराण [125] ने मनु को श्राद्ध के कृत्यों का प्रवर्तक एवं विष्णुपुराण [126], वायु पुराण [127] एवं भागवत पुराण [128] ने श्राद्धदेव कहा है।
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