माण्डूक्योपनिषद वाक्य
उच्चारण: [ maanedukeyopenised ]
उदाहरण वाक्य
- माण्डूक्योपनिषद अथर्ववेदीय शाखा के अन्तर्गत एक उपनिषद है।
- माण्डूक्योपनिषद अद्वैत प्रकरण श्लोक 40 भी यही अर्थ स्पष्ट करता है।
- माण्डूक्य-कारिका माण्डूक्योपनिषद पर लिखी हुई टीका के रूप में मानी जाती है।
- माण्डूक्योपनिषद में कुल बारह मंत्र हैं, किन्तु वे बड़े ही महत्त्व के हैं।
- माण्डूक्योपनिषद में इस अवस्था को चतुर्थ कहा गया है, जो निर्विकल्प समाधि की अवस्था है।
- माण्डूक्योपनिषद अथर्ववेद की शाखा से सम्बन्धित उपनिषद है इसमें ॐकार को अक्षरब्रह्म परमात्मा माना गया है.
- माण्डूक्योपनिषद की इसी शिक्षा को आधार बनाकर कारिका की रचना की गई है, जो छठे मंत्र के बाद से प्रारम्भ होती है।
- [[शतपथ ब्राह्मण]] तथा माण्डूक्योपनिषद में कहा गया है कि वेद मन्त्र के प्रत्येक पद में, शब्द के प्रत्येक अक्षर में एक प्रकार का अद्भुत सामर्थ्य भरा हुआ है।
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