यमुनाचार्य वाक्य
उच्चारण: [ yemunaachaarey ]
उदाहरण वाक्य
- रामानुजाचार्य आलवार सन्त यमुनाचार्य के प्रधान शिष्य थे।
- नाथ के पोते यमुनाचार्य ने इन्हें ‘दिव्यभ प्रबंधम् ' की संज्ञा दी।
- यमुनाचार्य की मौत के बाद वैष्ण वों के दो खेमे हो गये जिनमें तमिल और
- विष्णु संप्रदाय के ब्रह्मलीन पीठाधीश्वर यमुनाचार्य सतुआ बाबा महाराज की पहली पुण्यतिथि पर दिग्गजों का जमावड़ा होगा।
- यमुनाचार्य के अनुसार, वास्तव में भक्ति का उच्चतम रूप, मिलन में नहीं होता बल्कि मिलन के बाद होता है, 'विरह के नए डर' में.
- यमुनाचार्य के अनुसार, वास्तव में भक्ति का उच्चतम रूप, मिलन में नहीं होता बल्कि मिलन के बाद होता है, 'विरह के नए डर' में.[22]
- आदि सतुआबाबा स्वयं इस सम्प्रदाय की 51 वीं पीढ़ी में थे और वर्तमान पीठाधीश्वर श्री यमुनाचार्य जी महाराज 56 वीं पीढ़ी का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
- इस तरह की समस्त गतिविधियां भी आश्रम के पीठाधीश्वर जगदगुरू विष्णुस्वामी यमुनाचार्य जी महाराज ‘ श्री सतुआ बाबा ' जी के कुशल निर्देशन में सफलतापूर्वक संचालित हो रही है।
- इनके बाद श्री नाथमुनि,-पुण्डरीक,-यमुनाचार्य,-पंचपूर्ण,-रामानुज,-देवाधिपमुनि,-हरियानन्द,-राघवानन्द और इनके शिष्य श्री रामानन्द जी महाराज हुए ।
- प्रयाग के महाकुंभ में महामंडलेश्वर की पदवी से विभूषित हो चुकीं विष्णु संप्रदाय के छठवें पीठाधीश्वर यमुनाचार्य सतुआ बाबा की प्रमुख शिष्या लक्ष्मी देवी साईं मां मणिकर्णिका स्थित सतुआ बाबा की मुख्य पीठ से अलग रहेंगी।
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