याज्ञवल्क्योपनिषद वाक्य
उच्चारण: [ yaajenyevlekyopenised ]
उदाहरण वाक्य
- याज्ञवल्क्योपनिषद शुक्ल यजुर्वेदीय शाखा के अन्तर्गत एक उपनिषद है।
- याज्ञवल्क्योपनिषद शुक्ल यजुर्वेद के अंतर्गत आने वाला उपनिषद है इस उपनिषद में राजा जनक एवं ऋषि याज्ञवल्क्य के मध्य वार्तालाप द्वारा संन्यास से संबंधित विचारों को प्रकट किया गया है इसमें राजा जनक को संन्यास के संबंध में बताते हुए ऋषि याज्ञवल्क्य कहते हैं की संन्यास एक बहुत कठिन मार्ग है जिसे अपनाने के लिए सभी सांसारिक बंधनों का त्याग करना होता है जीवन में साधना एवं ध्यान द्वारा प्रभु के निकट पहुँचा जा सकता है ब्रह्म को पाकर ही जीव मुक्ति को प्राप्त करता है.