रूद्रहृदयोपनिषद वाक्य
उच्चारण: [ ruderherideyopenised ]
उदाहरण वाक्य
- रूद्रहृदयोपनिषद महत्व | Importance of Rudra Hridaya Upanishad
- रूद्रहृदयोपनिषद ज्ञान | Rudra Hridaya Upanishad Knowledge
- रूद्रहृदयोपनिषद । Greatness of Rudra Hridaya Upanishad
- रूद्रहृदयोपनिषद में शिव के बारे में कहा गया है कि-सर्वदेवात्मको रुद्र: सर्वे देवा: शिवात्मका: अर्थात् सभी देवताओं की आत्मा में रूद्र उपस्थित हैं और सभी देवता रूद्र की आत्मा हैं।
- रूद्रहृदयोपनिषद कृष्ण यजुर्वेदीय शाखा से संबंधित उपनिषद है इस उपनिषद में भगवान शिव का निरूपण किया गया है इसके साथ ही भगवान विष्णु एवं शिव के मध्य उत्पन्न अभिन्नता को प्रस्तुत किया गया है.
- रूद्रहृदयोपनिषद में शुकदेव जी और व्यास जी के मध्य हुए संवादों से अनेक प्रश्नोत्तर किए गए हैं जिसके अंतर्गत देवों श्रेष्ठ देव का रूप आत्मा, परमात्मा का स्वरूप, रूद्र की उपासना आदि बातों का समुचित उल्लेख प्राप्त होता है.
- रूद्रहृदयोपनिषद में भगवान शिव के स्वरूप को व्यक्त किया गया है इसके साथ ही शिव एवं विष्णु की अभिन्नता को दर्शाया गया है त्रिमूर्ति के रूप की विवेचना को प्रस्तुत किया गया है आत्मा, परमात्मा, अन्तरात्मा की विविधता का रूप तथा ब्रह्म को जान कर जीव मुक्ति को प्राप्त करता है.
अधिक: आगे