लछिराम वाक्य
उच्चारण: [ lechhiraam ]
उदाहरण वाक्य
- लछिराम रीतिबद्ध परंपरा के आचार्य कवि हैं।
- लछिराम नाटक कियो, दीनों गुनिन पढ़ाय।
- लछिराम ने अयोध्या में पाठशाला, राम जानकी का मंदिर और अपने निवासार्थ मकान बनवाया।
- सं. 1904 में लछिराम लामाचकनुनरा ग्रामवासी (जिला सुल्तानपुर) साहित्यशास्त्री कवि “ईश” के पास अध्ययनार्थ गए।
- इस काल के लक्षण ग्रन्थकारों में सरदार लछिराम, गदाधर भट्ट, रसिक बिहारी, गोविन्द गिल्लाभाई आदि उल्लेखनीय हैं।
- साथ ही, उक्त नाटक के सातवें अंक में उल्लेख है कि लछिराम ने इस नाटक को बनाकर संन्यासी कवींद्र सरस्वती को दिखाया।
- “द्विजदेव” के माध्यम से लछिराम का संपर्क अनेक काव्यरसिक और गुणज्ञ राजाओं से हुआ जिनमें प्रत्येक के नाम पर एक एक रचना इन्होंने की।
- ये लछिराम के गुरु रहे होंगे और उन्हीं के कहने से नाटक को सुखांत बनाने के लिए सातवें अंक की रचना की गई होगी।
- हिंदी में लछिराम (ब्रह्मभट्ट) नाम के सात कवियों का उल्लेख मिलता है जिनमें बहुज्ञात और प्रख्यात हैं 19 वीं शती के अमोढ़ा या अयोध्यावाले लछिराम।
- साहित्यिक दृष्टि से इस मध्यकाल में कुछ संस्कृत नाटकों के पद्यबद्ध हिन्दी छायानुवाद भी हुए, जैसे नेवाज कृत ‘अभिज्ञान शाकुन्तल', सोमनाथ कृत ‘मालती-माधव', हृदयरामचरित ‘हनुमन्नाटक' आदि; कुछ मौलिक पद्यबद्ध संवादात्मक रचनाएँ भी हुईं, जैसे लछिराम कृत ‘करुणाभरण', रघुराम नागर कृत ‘सभासार' (नाटक), गणेश कवि कृत ‘प्रद्युम्नविजय' आदि; पर इनमें नाटकीय पद्धति का पूर्णतया निर्वाह नहीं हुआ।
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