लीलटांस वाक्य
उच्चारण: [ liletaanes ]
उदाहरण वाक्य
- 691. लीलटांस कीड़ा भखै, मुखे विराजे राम
- लीलटांस की सभी ६८ राजस्थानी कविताएं काफी चर्चित रही।
- -बद्रीनारायण सोढाणी को32. लीलटांस पुरस्तक के रचयिता हैं।
- हवा बिफरती आए जब भी केवल आँचल भर हो जाए लीलटांस जैसे सपनों को अपनी आँखों रहे निथारे
- लीलटांस: सन् १९७३ में स्व. मुरलीधर सराफ स्मृति ग्रंथ माला (९/१, ाोभाराम बैशाख स्ट्रीट, कलकत्ता) प्रकाशन के रूप में 'लीलटांस` का अभ्युदय हुआ।
- आपकी कृति “ लीलटांस ” (राजस्थानी) साहित्य अकादमी द्वारा एवं ‘ निर्ग्रन्थ ' ज्ञानपीठ मूर्तिदेवी पुरस्कार से सम्मानित की गई हैं ।
- 1976 ई 0 में आपकी राजस्थानी काव्यकृति ‘ लीलटांस ' साहित्य अकादमी, दिल्ली द्वारा उस वर्श की सर्वश्रेष्ठ राजस्थानी कृति के नाते पुरस्कृत की गई।
- पथरीले बरगद के साये घास-बाँस के आकाशों पर, घात लगाये छुपा अहेरी लीलटांस से विश्वासों पर पगडण्डी पर पहिये कसकर सड़कों बिछती जाएँ, सांसें..... शहरीले जंगल में सांसें.....
- दरवाजा खुलते ही बोले-मुझसे सड़क शुरू होती है, आहट की थर-थर-थर पर ही लीलटांस पाँखें फर फरती उड़े दूरियाँ गाती चूना पुती हुई काली पर पाँवों को मण्डना है.....
- आपकी ‘ लीलटांस ' को 1976 में साहित्य अकादमी द्वारा राजस्थानी भाषा की उस वर्ष की सर्वश्रेष्ठ कृति के रूप में पुरस्कृत किया गया एवं ‘ निर्ग्रन्थ ' पर भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा ज्ञानपीठ का ‘
अधिक: आगे