लोल्लट वाक्य
उच्चारण: [ lolelt ]
उदाहरण वाक्य
- ३. रस सम्प्रदाय-आचार्य लोल्लट, शंकुक और भट्टनायक आदि।
- भरत के रसपरक सिद्धांत की व्याख्या करनेवाले सर्वप्रथम विद्वान् लोल्लट ही हैं।
- भट्ट लोल्लट के उत्पत्तिवाद का तथा सहृदयों में रसानुभव न माननेवाले सिद्धांत का इन्होंने सर्वप्रथम खंडन किया है।
- आचार्य अभिनवगुप्त ने “अभिनवभारती” में लोल्लट का उल्लेख भरतमुनि के नाट्यसूत्र के मान्य टीकाकार आचार्य के रूप में किया है।
- भट्ट लोल्लट के तीन पद्यों को राजशेखर, हेमचंद्र तथा नमिसाधु ने उद्धृत किया है जो औचित्यविचार की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं।
- आचार्य भरत के नाट्यशास्त्र में प्रतिपादित ‘ रससूत्र ' पर टीकाएं लिखकर आचार्य लोल्लट, शंकुक, भट्टनायक आदि ने रस सिद्धान्त की प्रतिष्ठा की।
- ऐसे आचार्यों में उल्लेखनीय नाट्यशास्त्र के व्याख्याता हैं रीतिवादी भट्ट उद्भट, पुष्टिवादी भट्ट लोल्लट, अनुमितिवादी शंकुक, मुक्तिवादी भट्ट नायक और अभिव्यक्तिवादी अभिनव गुप्त।
- राजशेखर ने इन पद्यों को “काव्यमीमांसा” में “इति आपराजिति: यदाह” कहकर आपराजिति के नाम से उद्धृत किया है और हेमचंद्र ने “काव्यानुशासन” में इनमें से दो पद्यों को भट्ट लोल्लट के नाम से उद्धृत किया है।
- भारत के विचारकों ने काव्यकृति को भ्रांति नहीं माना हैं, यद्यपि एक स्थान पर भट्ट लोल्लट ने रससूत्र की व्याख्या करते हुए नाटक के अभिनय में राम आदि का अनुकरण करते नटों में राम आदि के भ्रांतिज्ञान का संकेत किया है।
- भारत के विचारकों ने काव्यकृति को भ्रांति नहीं माना हैं, यद्यपि एक स्थान पर भट्ट लोल्लट ने रससूत्र की व्याख्या करते हुए नाटक के अभिनय में राम आदि का अनुकरण करते नटों में राम आदि के भ्रांतिज्ञान का संकेत किया है।
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