विशुद्धिचक्र वाक्य
उच्चारण: [ vishudedhichekr ]
उदाहरण वाक्य
- कंठ पर स्थित विशुद्धिचक्र के आन्दोलित होने से विद्या व वैदुष्य की छिपी हुई शक्ति जग जाती है व रचनाकार में अद्भुत क्षमता विकसित हो जाती है.
- कंठ पर स्थित विशुद्धिचक्र के आन्दोलित होने से विद्या व वैदुष्य की छिपी हुई शक्ति जग जाती है व रचनाकार में अद्भुत क्षमता विकसित हो जाती है.
- इस पर मूलाधार चक्र से लेकर सहस्रार चक्र तक सात चक्र अर्थात ऊर्जा के सात केन्द्र स्थित हैं-गुदामार्ग से एक अंगुल ऊपर मूलाधार चक्र, जननेन्द्रिय के मूल में स्वाधिष्ठानचक्र, नाभि के मूल में मणिपूरचक्र, ह्रदय के मूल में अनाहतचक्र, कंठ के मूल में विशुद्धिचक्र, भ्रूमध्य में (दोनों भौंहों के बीच) आज्ञाचक्र, शीर्ष पर सहस्रारचक्र.
- इस पर मूलाधार चक्र से लेकर सहस्रार चक्र तक सात चक्र अर्थात ऊर्जा के सात केन्द्र स्थित हैं-गुदामार्ग से एक अंगुल ऊपर मूलाधार चक्र, जननेन्द्रिय के मूल में स्वाधिष्ठानचक्र, नाभि के मूल में मणिपूरचक्र, ह्रदय के मूल में अनाहतचक्र, कंठ के मूल में विशुद्धिचक्र, भ्रूमध्य में (दोनों भौंहों के बीच) आज्ञाचक्र, शीर्ष पर सहस्रारचक् र.