व्रात वाक्य
उच्चारण: [ veraat ]
उदाहरण वाक्य
- व्रात का मतलब भी लेखन होता है।
- व्रात का मतलब भी लेखन होता है।
- व्रात (vrat) की तुलना अंग्रेजी के write से करें तो समानता साफ नज़र आती है।
- उससे कम महत्त्वपूर्ण, केवल आर्थिक मामलों से जुड़े संगठनों को श्रेणि, पूग, व्रात, गण आदि नामों से पुकारा जाता था.
- पाणिनि ने व्रात और पूग इन संज्ञाओं से बताया है कि इनमें से बहुत से कबीले उत्सेधजीवी या लूटपाट करके जीवन बिताते थे जो आज भी वहाँ के जीवन की सच्चाई है।
- पाणिनि ने व्रात और पूग इन संज्ञाओं से बताया है कि इनमें से बहुत से कबीले उत्सेधजीवी या लूटपाट करके जीवन बिताते थे जो आज भी वहाँ के जीवन की सच्चाई है।
- कात्यायन ने श्रेणि, पूग, गण, व्रात, निगम तथा संघ आदि को वर्ग अथवा समूह माना है.1 लेकिन आचार्य काणे उनकी इस व्याख्या से सहमत नहीं थे.
- पाणिनि ने व्रात और पूग इन संज्ञाओं से बताया है कि इनमें से बहुत से कबीले उत्सेधजीवी या लूटपाट करके जीवन बिताते थे जो आज भी वहाँ के जीवन की सच्चाई है।
- यद्यपि वहां उनका सामान्य अर्थ दल अथवा वर्ग ही है. 2 इसी प्रकार कौषीतकिब्राह्मण उपनिषद् में पूग को रुद्र की उपमा दी गई है.3 आपस्तंब धर्मसूत्र में संघ को पारिभाषित करते हुए उसकी कार्यविधि और भविष्य को देखने हुए, अन्य संगठनों के संदर्भ में उसके अंतर को समझा जा सकता है.4 पाणिनीकाल तक संघ, व्रात, गण, पूग, निगम आदि नामों के विशिष्ट अर्थ ध्वनित होने लगे थे.
अधिक: आगे