×

शबरस्वामी वाक्य

उच्चारण: [ shebresvaami ]

उदाहरण वाक्य

  1. धर्मशास्त्रीय ग्रंथकारों के अतिरिक्त शंकराचार्य, शबरस्वामी जैसे दार्शनिक भी प्रमाणरूपेण इस ग्रंथ को उद्धृत करते हैं।
  2. धर्मशास्त्रीय ग्रंथकारों के अतिरिक्त शंकराचार्य, शबरस्वामी जैसे दार्शनिक भी प्रमाणरूपेण इस ग्रंथ को उद्धृत करते हैं।
  3. धर्मशास्त्रीय ग्रंथकारों के अतिरिक्त शंकराचार्य, शबरस्वामी जैसे दार्शनिक भी प्रमाणरूपेण इस ग्रंथ को उद्धृत करते हैं।
  4. धर्मशास्त्रीय ग्रंथकारों के अतिरिक्त शंकराचार्य, शबरस्वामी जैसे दार्शनिक भी प्रमाणरूपेण इस ग्रंथ को उद्धृत करते हैं।
  5. अत: शबरस्वामी के मतानुसार वस्तुत: विधियाँ ही अर्थवादादि के रूप में ब्राह्मण ग्रन्थों में दस प्रकार से व्यवह्रत हुई हैं-
  6. अत: शबरस्वामी के मतानुसार वस्तुत: विधियाँ ही अर्थवादादि के रूप में ब्राह्मण ग्रन्थों में दस प्रकार से व्यवह्रत हुई हैं-हेतुर्निर्वचनं निन्दा प्रशंसा संशयो विधि: ।
  7. इसी का अनुसरण करते हुए शबरस्वामी पितृभूति, शंकराचार्य, भट्ट कुमारिल, भवस्वामी, देवस्वामी, विश्वरूप, मेधातिथि, कर्क, धूर्तस्वामी, देवत्रात, वाचस्पति मिश्र, राजशेखर, रामानुज, उवट, मस्करी और सायणाचार्य सहित बहुसंख्यक महान् आचार्यों और भाष्यकारों ने मन्त्र-संहिताओं के साथ ही ब्राह्मणों की भी श्रुतिरूपता पर बल दिया है।
  8. शबरस्वामी ने यद्यपि इसका उदाहरण नहीं दिया है, तथापि छान्दोग्य उपनिषद [27] के इस अंश को प्रस्तुत किया जा सकता है-स यथा शकुनि: सूत्रेण प्रबद्धो दिशं दिशं पतित्वा अन्यत्रायतनमलब्ध्वा बन्धनमेवोपश्रयते, एवमेव खलु सोम्य! तन्मनो दिशं दिशं पतित्वाऽन्यत्रायतन्मलब्ध्वा प्राणमेवोपश्रयते, प्राणबन्धनं हि सोम्य! मन इति।
  9. इसी का अनुसरण करते हुए शबरस्वामी पितृभूति, शंकराचार्य, भट्ट कुमारिल, भवस्वामी, देवस्वामी, विश्वरूप, मेधातिथि, कर्क, धूर्तस्वामी, देवत्रात, वाचस्पति मिश्र, राजशेखर, रामानुज, उवट, मस्करी और सायणाचार्य सहित बहुसंख्यक महान् आचार्यों और भाष्यकारों ने मन्त्र-संहिताओं के साथ ही ब्राह्मणों की भी श्रुतिरूपता पर बल दिया है।
अधिक:   आगे


के आस-पास के शब्द

  1. शबनम शकील
  2. शबर
  3. शबर स्वामी
  4. शबरग़ान
  5. शबरपा
  6. शबरी
  7. शबरी धाम
  8. शबरी मंदिर
  9. शबरी मला
  10. शबरीमाला
PC संस्करण
English


Copyright © 2023 WordTech Co.