शल्यपर्व वाक्य
उच्चारण: [ shelyeprev ]
उदाहरण वाक्य
- ↑ महाभारत, शल्यपर्व, अ0 5, श्लोक 1 से 27 तक
- के शल्यपर्व के कुल छब्बीस श्लोकों में इस कुरुक्षेत्र की चौहद्दी,
- ↑ महाभारत, आदिपर्व, अध्याय 109, 114 115, स्त्रीपर्व 21-25, शल्यपर्व 63
- महाभारत वनपर्व एवम् शल्यपर्व में 3900 के लगभग तीर्थयात्रा विषयक श्लोक है.
- और शल्यपर्व से पता लगता हैं कि सरस्वती की सात धाराओं में एक नैमिषारण्य
- इसका वर्णन महाभारत के वनपर्व तथा शल्यपर्व में किया गया है:-तरंतुकारंतुकयोः यदंतरंरामहृदानां च मचक्रुकस्य च ।
- [10] शल्यपर्व * में आया है कि जो भी कोई पुनीत वचनों का पाठ करता हुआ सरस्वती के: कुरुक्षेत्रं कुरुक्षेत्रात्सरस्वती।
- सरस्वती नदी के तटवर्ती सभी तीर्थों का वर्णन महाभारत में शल्यपर्व के 35 वें से 54 वें अध्याय तक सविस्तार दिया गया है।
- इससे धर्मारण्य में सरस्वती का लाया जाना सिद्ध है और शल्यपर्व से पता लगता है कि सरस्वती की सात धाराओं में एक नैमिषारण्य में थी।
- शल्यपर्व [58] में कहा गया है कि संसार सात सरस्वतियों द्वारा घिरा हुआ है, यथा-सुप्रभा[59], कांचनाक्षी[60], विशाला [61], मनोरमा[62], सुरेणु[63], ओधवती [64] एवं विमलोदा।
अधिक: आगे