शारीरिकोपनिषद वाक्य
उच्चारण: [ shaaririkopenised ]
उदाहरण वाक्य
- शारीरिकोपनिषद एक ऐसा उपनिषद है जिसमें शरीर के विज्ञान पर प्रकाश डाला गया है.
- शारीरिकोपनिषद कृष्ण यजुर्वेद शाखा से सम्बन्धित उपनिषद है जिसमें सृष्टि की एक अदभूत रचना-प्रक्रिया का विशद वर्णन किया गया है.
- शारीरिकोपनिषद में शरीर की ज्ञानेन्द्रियों के विषय में बताया गया इसमें नेत्र, कर्ण्, नासिका, चर्म और जिह्वा शरीर की पांच ज्ञानेन्द्रियां हैं, जिनका संचालन ‘ मन ' द्वारा होता है तथा यह पांचों इंद्रियों का महत्व प्राण द्वारा ही सिद्ध हो पाता है यह सभी ‘ प्राण ' द्वारा ही सक्रिय हो पाती हैं.
- शारीरिकोपनिषद में शरीर को पंच महाभूतों का मिलन कहा गया है इस देह में पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु एवं आकाश तत्व का सन्तुलित अंश विद्यमान हैं और इन सब महाभूतों का सन्तुलित मिश्रण ही शरीर को आकार प्रदान करता है इन्हीं से मिलकर शरीर का निर्माण संभव हो पाया है शरीर में छठा तत्त्व ‘ प्राण ' है, जिसे प्राप्त करके शरीर जीवन प्रदान करता हैं.