शिवसंहिता वाक्य
उच्चारण: [ shivesnhitaa ]
उदाहरण वाक्य
- शिवसंहिता में कहा है कि इस आसन से वायूद्दीपन होता है और वह मृत्यु का नाश करता है।
- शिवसंहिता में भगवान शिव ने मुक्त कण्ठ से प्रशंसा करते हुए कहा हैः यह आसन सर्वश्रेष्ठ आसन है।
- बाद के काल में उपनिषद् संहिता, हठयोग-प्रदीपिका, घेरंडसंहिता, शिवसंहिता जैसे अलग-अलग ग्रंथों में उसका विस्तार पाया जाता है।
- श्री पी. एन. ओक का कहना है कि वे अपनी भाषा में अनूदित गायत्री मत्रं का उच्चारण और पंथ की छोटी-मोटी पुस्तिकाएं (जैसे ' सूर्यस्तुति ' और ' शिवसंहिता ' सरीखी शायद खंडित एवं त्रुटिपूर्ण और विकृत रूप में) आज भी रखते हैं।
- मुनीश्वर! उसके उत्तरभाग में नर्मदा के तीर्थों का वर्णन है,और विस्तार के साथ शिवसंहिता कही गयी है जो भगवान सम्पूर्ण देवताओं के लिये दुर्जेय और सनातन है,वे जिसके तटपर सदा सर्वतोभावेन निवास करते है,वही यह नर्मदा का जल ब्रह्मा है,यही विष्णु है,और यही सर्वोत्कृष्ट साक्षात शिव है।
- मुनीश्वर! उसके उत्तरभाग में नर्मदा के तीर्थों का वर्णन है, और विस्तार के साथ शिवसंहिता कही गयी है जो भगवान सम्पूर्ण देवताओं के लिये दुर्जेय और सनातन है, वे जिसके तटपर सदा सर्वतोभावेन निवास करते है, वही यह नर्मदा का जल ब्रह्मा है, यही विष्णु है, और यही सर्वोत्कृष्ट साक्षात शिव है।
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