शिशुपालवध वाक्य
उच्चारण: [ shishupaalevdh ]
उदाहरण वाक्य
- द्वारा विरचित शिशुपालवध से लिया गया है।
- ↑ रघुवंश 6।7, 7।67, शिशुपालवध 6।6,14।33
- ~ शिशुपालवध चींटी चलती रहे तो हजारों योजन पार कर जाती है।
- शिशुपालवध तथा रुक्मिणी स्वयंवर ग्रंथ काव्य की दृष्टि से अत्यंत सरस एवं महत्वपूर्ण हैं।
- किरातार्जुनीय, शिशुपालवध और नैषधीयचरित में इन प्रवृत्तियों का क्रमश: अधिकाधिक विकास होता गया है।
- शिशुपालवध तथा रुक्मिणी स्वयंवर ग्रंथ काव्य की दृष्टि से अत्यंत सरस एवं महत्वपूर्ण हैं।
- किरातार्जुनीय, शिशुपालवध और नैषधीयचरित में इन प्रवृत्तियों का क्रमश: अधिकाधिक विकास होता गया है।
- ~ शिशुपालवध धन में आसक्त लोगों का न कोई गुरु होता है और न कोई बंधु।
- शिशुपालवध की रचना-जनश्रुतियों में कहा जाता है-किरातार्जुनीय के अनुकरण पर हुई थी।
- परंतु अलंकृत-काव्य-रचना-कौशल तथा प्रकृत्यादि के वर्णन की दृष्टि से किरातार्जुनीय की अपेक्षा शिशुपालवध बहुत उत्कृष्ट है।
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