श्वेताश्वतरोपनिषद वाक्य
उच्चारण: [ shevaashevteropenised ]
उदाहरण वाक्य
- श्वेताश्वतरोपनिषद छठा अध्याय | Svetasvatara Upanishad Sixth Adhyaya
- श्वेताश्वतरोपनिषद चौथा अध्याय | Svetasvatara Upanishad Fourth Adhyaya
- (श्वेताश्वतरोपनिषद ४ / १ ८)
- प्रथम अध्याय / श्वेताश्वतरोपनिषद / मृदुल कीर्ति
- फलतः श्वेताश्वतरोपनिषद के अनुसार वेद का सर्वप्रथम प्रकाश जिस पर हुआ।
- फलतः श्वेताश्वतरोपनिषद के अनुसार वेद का सर्वप्रथम प्रकाश जिस पर हुआ।
- @ फलतः श्वेताश्वतरोपनिषद के अनुसार वेद का सर्वप्रथम प्रकाश जिस पर हुआ।
- 2-फलतः श्वेताश्वतरोपनिषद के अनुसार वेद का सर्वप्रथम प्रकाश जिस पर हुआ।
- श्वेताश्वतरोपनिषद में परम कल्याणकारी भगवान शिव के कल्याणकारी स्वरूप का विशद वर्णन है।
- इसलिए श्वेताश्वतरोपनिषद में वृक्षों को साक्षात बृह्म के सदृश्य बताया गया है-वृक्ष इवस्तब्धों दिवि तिष्ठात्येक: ।
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