सर्वकाम वाक्य
उच्चारण: [ servekaam ]
उदाहरण वाक्य
- 21. ऊँ सर्वकाम फलदाय नम:
- महाभारत के भीष्म पर्व में वृक्ष को सभी मनोरथों को पूरा करने वाला कहा गया है-सर्वकाम फला: वृक्षा।
- मंत्र: 1. ¬ श्रीं ह्रीं ह्रीं क्लीं ऐं एकाक्षी श्रीपफल भगवते त्रौलोक्य नाथाय सर्वकाम पफल प्रदाय पफट् स्वाहा।।
- महाभारत के भीष्म पर्व में वृक्ष को सभी मनोरथों को पूरा करने वाला कहा गया है-सर्वकाम फलाः वृक्षा।
- नम: 20. ऊँ प्रहर्त्रे नम: 21. ऊँ सर्वकाम फलदाय नम: विशेष: किसी ज्योतिषी से चर्चा करके ही पूजन करना चाहिए।
- ‘ नीलग्रीव शुभ ग्रीव सर्वकाम फल प्रद, पृथि व्यामवतीर्णोंसि खंजरीट नमोस्तु ते ' नीलकंठ के दर्शन अत्यंत शुभ फल प्रदान करने वाले और मनुष्य की हर इच्छा को पूरी करने वाले माने जाते हैं...
- ‘ नीलग्रीव शुभ ग्रीव सर्वकाम फल प्रद, पृथि व्यामवतीर्णोंसि खंजरीट नमोस्तु ते ' नीलकंठ के दर्शन अत्यंत शुभ फल प्रदान करने वाले और मनुष्य की हर इच्छा को पूरी करने वाले माने जाते हैं...
- वह (ब्रह्म) मनोमय, प्राणशरीर, प्रकाशस्वरूप, सत्यसंकल्प, आकाशशरीर, सर्वकर्मा, सर्वकाम, सर्वगन्ध, सर्वरस, इस सम्पूर्ण जगत् को सब ओर से व्याप्त करने वाला, वाक्-रहित और सम्भ्रमशून्य है.
- भूपुर चक्र में उपर्युक्त तेजोमिथुन की अणिमादि दस सिद्धियों (अणिमा लघिमा महिमा ईशित्व वशित्व प्राकाम्य भुक्ति इच्छा प्राप्ति और सर्वकाम) ब्राह्मी (ब्राह्मी माहेशी कौमारी वैष्णवी वाराही ऐन्द्री चामुण्डा महालक्ष्मी) आदि अष्ट लोकमातायें तथा मतान्तर से मुद्राओं के रूप में (मुद्रायें दस है त्रिखण्डा सर्वसंक्षोभिणी द्राविणी सर्वाकर्षिणी सर्ववशंकरी उन्मादिनी महांकशा खेचरी बीज और योनि) पूजा की जाती है, इसको त्रैलोक्य मोहन चक्र कहते हैं।
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