सेतुबंधासन वाक्य
उच्चारण: [ setubendhaasen ]
उदाहरण वाक्य
- सेतुबंधासन का नियंत्रणपूर्वक अभ्यास करें.
- जिस आसन में शरीर की आकृति सेतु के समान हो जाती है, उसको सेतुबंधासन कहा जाता है।
- लाभ: सेतुबंधासन मेरुदंड को लचीलापन व मजबूती प्रदान करता है, जिससे कमर दर्द, स्लिप डिस्क व साईटिका दर्द में लाभ पहुंचता है।
- -जिन्हें पहले से अधिक कमर-दर्द, स्लिप डिस्क या अल्सर की समस्या हो, वे सेतुबंधासन का अभ्यास न करें या योग शिक्षक की देखरेख में ही अभ्यास करें।
- सूर्य नमस्कार, अग्निसर क्रिया, ब्रह्ममुद्रा, कंध संचालन, तडासन, त्रिकाणासन, गरुड़ासन, उत्कटासन, मार्जरासन, वज्रासन, अर्धमत्स्येन्द्रासन, पद्मासन, शाकासन, भुजंगासन, शलभासन, नौकासन, धनुरासन, विपरितकरणी मुद्रा, उत्तानपादान, पवनमुक्तासन, सेतुबंधासन, अश्विनी मुद्रा 100, शक्तिचालिनी मुद्रा 100 एवं शवासन करने के उपरान्त प्राणायाम का अभ्यास 10 मिनट प्रतिदिन करना चाहिए।
- विधि: सेतुबंधासन के बाद इसका अभ्यास कर लें, इसके लिए कमर के बल ही लेटकर घुटनों को मोड़ लें, अब दोनों पैरों को एक साथ उठा लें व साईकिल चलाने की भांति पैरों को चलाना शुरू करें, साथ ही हाथों को भी उठाकर साइकिल की तरह चलाना शुरू करें, सिर को भी साथ-साथ ऊपर की ओर उठाकर रखें, लगातार कुछ देर के लिए सीधी साईकिल चलाते रहें, उसके बाद उल्टी साइकिल चलाना शुरू करें, अभ्यास के दौरान सांस की गति सामान्य रहेगी।
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