हाथीपाँव वाक्य
उच्चारण: [ haathipaanev ]
उदाहरण वाक्य
- चरक-संहिता के अनुसार सरसों, हाथीपाँव एवं मिरगी रोग
- हाथ, हाथी और हाथीपाँव दिग्विजय जी, जय माता जी की ।
- चरक-संहिता के अनुसार सरसों, हाथीपाँव एवं मिरगी रोग में प्रयोग की जानी चाहिए।
- ** हाथीपाँव में हर्रे का ४ ग्राम पाउडर गो मूत्र मिलाकर पी जाये. एक महीने तक लगातार।
- फील्पाँव या हाथीपाँव में पलाश की जड़ के रस में सरसों का तेल मिला कर रख लीजिये बराबर मात्रा में।
- हाथीपाँव की शिकायत में सूजे हुए अंग पर इस पौधे के तने तथा पत्तियों का रस लगाने से सूजन कम करने में मदद मिलती है.
- जिस जगह को देखने के साथ ही यह अन्दाज हो जाता था कि अब मुंशी प्रेमचन्द की ज़मीन हमसे कितने फ़र्लांग दूर हैं? आज उसकी जगह पर फ्लाईओवर के ‘ हाथीपाँव ' मौजूद हैं।
- क्योंकि जब-तब उन्हें जोर से बोलते वक्त “ गले का घेंघा ” हो जाता है, उनसे कोई कदम भी उठाते नहीं बनता क्योंकि आयोडीन की कमी से “ हाथीपाँव ” की शिकायत भी है।
- सन् 90 के दशक में ‘ एलपीजी ' (लिबरलाइजेशन, प्राइवेटाइजेशन, ग्लोबलाइजेशन) फार्मूले के साथ विश्व के जिन अतिधनाढ्य देशों ने भारतीय प्रायद्वीप में कदम रखना शुरू किया था आज वे ‘ हाथीपाँव ' की भाँति मजबूती की स्थिति में हैं।
- लाभः यह अर्क किडनी व लीवर के रोग, उदररोग, सर्वाँगशोथ (सूजन), श्वास, पीलिया, जलोदर (Ascitis), पांडु (रक्ताल्पता), बवासीर, भगंदर, हाथीपाँव, खाँसी तथा जोड़ों के दर्द में विशेष लाभदायी है।
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