विशेषण • untouched • intact |
अस्पृष्ट अंग्रेज़ी में
[ asprsta ]
अस्पृष्ट उदाहरण वाक्यअस्पृष्ट मीनिंग इन हिंदी
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- और आशय (कर्म-संस्कार) से सर्वथा अस्पृष्ट पुरुष-विशेष ईश्वर है.
- और आशय (कर्म-संस्कार) से सर्वथा अस्पृष्ट पुरुष-विशेष ईश्वर है।
- वर्ण के चार भाग-स्पृष्ट, अस्पृष्ट, अर्द्धस्पृष्ट और इषत्स्पृष्ट।
- उनका खड़ी बोली काव्य पूरी तरह अस्पृष्ट रह गया.
- और जब तक उनका यह अंश अस्पृष्ट रहा, तब तक वे अजेय रहे।
- पतञ्जलि ने ईश्वर का लक्षण बताया है-“क्लेशकर्मविपाकाराशयैरपरामृष्टः पुरुषविशेषः ईश्वरः” अर्थात् क्लेश, कर्म, विपाक(कर्मफल) और आशय(कर्म-संस्कार) से सर्वथा अस्पृष्ट पुरुष-विशेष ईश्वर है.
- पतञ्जलि ने ईश्वर का लक्षण बताया है-“क्लेशकर्मविपाकाराशयैरपरामृष्टः पुरुषविशेषः ईश्वरः” अर्थात् क्लेश, कर्म, विपाक(कर्मफल) और आशय(कर्म-संस्कार) से सर्वथा अस्पृष्ट पुरुष-विशेष ईश्वर है.
- पाणिनी ने स्वरों को अस्पृष्ट, य,र,ल,व को ईष स्पृष्ट, श, ष,स, ह को अर्द्धü स्पृष्ट तथा शेष वर्णो को पूर्ण स्पृष्ट माना है।
- यहां हर एक जाति की अपनी अलग संस्कृति है, और कई बार आमने सामने मिलने पर भी वे एक-दूसरी से काफी हद तक अस्पृष्ट रह सकी हैं!
- पतञ्जलि ने ईश्वर का लक्षण बताया है-“ क्लेशकर्मविपाकाराशयैरपरामृष्टः पुरुषविशेषः ईश्वरः ” अर्थात् क्लेश, कर्म, विपाक (कर्मफल) और आशय (कर्म-संस्कार) से सर्वथा अस्पृष्ट पुरुष-विशेष ईश्वर है।