• albedo |
एल्बिडो अंग्रेज़ी में
[ elbido ]
एल्बिडो उदाहरण वाक्य
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- हम जानतें हैं किसी सतह को सफेदी से ढक देने पर उसका “ एल्बिडो ” कम हो जाता है.
- युरेनस के प्रमुख चन्द्रमा, उनके उचित सापेक्ष आकार और एल्बिडो पर बढ़ती दूरी के क्रम में (बाएं से दाएं).
- युरेनस के प्रमुख चन्द्रमा, उनके उचित सापेक्ष आकार और एल्बिडो पर बढ़ती दूरी के क्रम में (बाएं से दाएं).
- निम्न एल्बिडो के क्षेत्र प्लेजिओक्लेस स्फतीय का सांद्रण दर्शाते है, उत्तरी निम्न एल्बिडो क्षेत्रों के साथ परतदार सिलिकेट और उच्च सिलिकॉन ग्लास, सामान्य की तुलना में अधिक सांद्रण प्रदर्शित करते है।
- निम्न एल्बिडो के क्षेत्र प्लेजिओक्लेस स्फतीय का सांद्रण दर्शाते है, उत्तरी निम्न एल्बिडो क्षेत्रों के साथ परतदार सिलिकेट और उच्च सिलिकॉन ग्लास, सामान्य की तुलना में अधिक सांद्रण प्रदर्शित करते है।
- एल्बिडो इज दी फ्रेक्सन ऑफ़ इन्सिडेंट लाईट देत इज रिफ्लेक्तिद बाई ए (एन ओब्जेक्त सुच एज ए प्लेनेट और मौंतें टॉप ऑर एनी अदर ओब्जेक्त) सर्फेस । ” इस एवज श्रमिकों को वाईट-वाश की मोर्टार्स को ४ ७ ०० मीटर की ऊंचाई तक ले जाना पड़ता है.
- ९ कि. मी, या चाँद के आधे से भी कम है, परन्तु शनि के दूसरे सबसे बड़े चन्द्रमा रिया से थोड़ी सी ज्यादा है, जो टाईटेनिया को सौरमंडल में आंठवाँ सबसे बड़ा चन्द्रमा बनाता है | इन चंद्रमाओं का अपेक्षाकृत निम्न एल्बिडो का विचरण अम्ब्रियल के लिए ०.
- मंगल ग्रह पर एक एल्बिडो आकृति के लिए एक आकृतीय नाम है जो उस ग्रह की भूमध्य रेखा के बिलकुल दक्षिण पर पूरब-पश्चिम फैला हुआ है | इसे फ्रांसीसी खगोलशास्त्री केमिली फ्लंमारियन द्वारा १८७० के दशक के आखिर में नामित किया गया था | इसका व्यास १६२२ कि. मी. है और केंद्र ७.१२° द० ४.०° पू० पर स्थित है | [1]
- एक “श्याम धब्बा ' (एक एल्बिडो आकृति) है जो मंगल ग्रह के उत्तरी तराई और दक्षिणी उच्च भूमि के बीच की सीमा में स्थित है | यह मार्स ग्लोबल सर्वेयर से प्राप्त आंकड़ो के आधार पर खोजा गया था, जो एक निम्न-उभार ढाल ज्वालामुखी होना पाया गया था, [1] लेकिन पहले इसे एक मैदान होना माना गया था, और सायर्टिस मेजर प्लेनिटिया के रूप में जाना जाता था | इसका श्याम रंग क्षेत्र की बेसाल्टी ज्वालामुखी चट्टान और सम्बंधित क्षेत्र में धूल की कमी से आता हैं |
- दोनों चन्द्रमाओं की उत्पत्ति की अच्छी तरह से समझ नहीं है, निम्न एल्बिडो और कार्बनयुक्त कोंड्राईट संरचना के कारण इसे क्षुद्रग्रह के समान माना जा रहा है, जो हथियाने के सिद्धांत का समर्थन करता है | फो़बोस की अस्थिर कक्षा एक अपेक्षाकृत हाल ही में हथियाने की प्रवृत्ति की ओर इंगित प्रतीत होती है | लेकिन दोनों की कक्षाएं वृत्ताकार है, भूमध्य रेखा के बहुत निकट है, जो जबरन छीन लिए गए निकायों के लिए बहुत ही असामान्य है, और आवश्यक अधिग्रहण गतिशीलता भी जटिल कर रही हैं |