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जीवात्मा अंग्रेज़ी में

[ jivatma ]
जीवात्मा उदाहरण वाक्यजीवात्मा मीनिंग इन हिंदी
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उदाहरण वाक्य

  1. This practice implies two things : one , the individual soul is pashu -LRB- lit . , cattle -RRB- and that God is Pashupati , the master .
    इस चर्चा से दो बातें लक्षित होती हैं : एक , जीवात्मा पशु है तथा ईश्वर पशुपति है .
  2. This practice implies two things : one , the individual soul is pashu -LRB- lit . , cattle -RRB- and that God is Pashupati , the master .
    इस चर्चा से दो बातें लक्षित होती हैं : एक , जीवात्मा पशु है तथा ईश्वर पशुपति है .
  3. Two , the human soul is God himself and it is by slow and steady practice that the soul can rise up and reach God and become God Himself .
    दूसरे , जीवात्मा तत्वत : परमात्मा ही है तथा क्रमिक और नियमपूर्ण साधना द्वारा वह ईश्वर तक पहुंच सकता है और ईश्वरत्व प्राप्त कर सकता है .
  4. Two , the human soul is God himself and it is by slow and steady practice that the soul can rise up and reach God and become God Himself .
    दूसरे , जीवात्मा तत्वत : परमात्मा ही है तथा क्रमिक और नियमपूर्ण साधना द्वारा वह ईश्वर तक पहुंच सकता है और ईश्वरत्व प्राप्त कर सकता है .
  5. While the similarity between the two is striking , the difference is equally striking between the poet 's hope of ' meeting the Pilot , and the saint 's vision of having met the Pilot , face to face . -LSB- PREVIOUS -RSB- -LSB- NEXT -RSB- THE LAST YEARS IN METTUKUPPAM SAW A RAMALINGA WHO had turned away from formal religion and become the prophet of universal brotherhood , based on the identity of the soul in all life -LRB- not only in mankind -RRB- , and his conception of God as the Light of Consciousness in all , the Supreme Light whose nature is grace , and which man can attain only by developing and being turned into such grace himself at his own level .
    दोनों का साम्य आश्चर्यजनक है , साथ ही दोनों का वैषम्य भी ध्यान देने योग़्य है-एक कविता की अपने संवाहक को देखने की कामना और एक संत की , देख चुकने के बाद की द्Qष्टि ! मेट्टुकप्पम के अंतिम दिनों में रामलिंग धर्म से विमुख हो गये थे और उस विश्व -बंधुत्व के प्रचारक हो गये थे जो सभी जीवात्मा मे ( केवल मनूष्यो मे ही नही ) आत्मा की एकात्माकता पर आधारित है . ईश्वर की परिकल्पना उन्होनें परम प्रकाश के रूप मे की है लिसकी प्रकृति ही करूणा है , तथा मानव इसे तभी प्राप्त कर सकता है जब ऐसी ही करूणा अपने स्तर पर अपने भीतर उतार ले

परिभाषा

संज्ञा
  1. प्राणियों की वह चेतन शक्ति जिससे वे जीवित रहते हैं:"शरीर से प्राण का बहिर्गमन ही मृत्यु है"
    पर्याय: प्राण, जीव, जान, जाँ, जीवन-शक्ति, आत्मा, चेतना, चैतन्य, दम, नफ़्स, नफ़स, जीवड़ा, जीवथ, सत्व, सत्त्व, स्पिरिट, पुंगल, उक्थ, धातृ
  2. सजीव प्राणी या वह जिसमें प्राण हो:"पृथ्वी पर विभिन्न प्रकार के जीव पाये जाते हैं"
    पर्याय: जीव, प्राणी, जीवधारी, जीव-जंतु, जीवजंतु, जीव_जंतु, जीव-जन्तु, जीवजन्तु, जीव_जन्तु, अनीश, सजीव, प्राणधारी, तनुधारी, जीवक, प्राणक, आसना, मंदसानु, मन्दसानु, जात, सत्व, सत्त्व
  3. मन या हृदय के व्यापारों का ज्ञान कराने वाली सत्ता:"आत्मा का कभी नाश नहीं होता है"
    पर्याय: आत्मा, रूह, अमा, आतम, आतमा, अंतरिक्षसत्, अन्तरिक्षसत्, धातृ, विभु, पुद्गल, सत्व, सत्त्व
  4. वह आत्मा जो संसार में लिप्त रहता है:"जीवात्मा भी वास्तव में ब्रह्म ही है"

के आस-पास के शब्द

  1. जीवात्-जनन
  2. जीवात्जनन
  3. जीवात्म संक्रमण
  4. जीवात्मवाद
  5. जीवात्मवादी
  6. जीवात्मावाद
  7. जीवादि वाटिका
  8. जीवादि शास्त्र का ज्ञाता
  9. जीवाभ्यंतर
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