विशेषण • ethical |
नीति-विषयक अंग्रेज़ी में
[ niti-visayak ]
नीति-विषयक उदाहरण वाक्य
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- ) उपदेश ही केन्द्र-बिंदू थे, फिर भी बौद्धवादी बुद्धिजीवी ज्ञान-मीमांसा एवं नीति-विषयक जिज्ञासा की परंपरा के चलते विविध विषयों में ज्ञानार्जन करते थे।
- इसकी अधिकतर कथाओं में कथाकार विष्णुदत्त शर्मा ने पशुपात्रों को शामिल किया है और उन्हीं के मुख से नीति-विषयक बहुत-सी बातें कहलवायी हैं, जो वस्तुतः मानव समाज के लिए ही अर्थपूर्ण हैं ।
- अधर्म को कम करने के लिए ही समयानुसार, स्थानानुसार, व समुदायानुसार ईश्वरीय प्रेरणा से अनेक धार्मिक ग्रन्थ भी रचित हुए, जो वास्तव में नीति-विषयक ग्रन्थ ही थे और वे सभी तत्कालीन परिस्थितियों के अनुसार लिखे गए।
- पहली बार, मास्को में स्तालिन और सोवियत पार्टी के प्रतिनिधियों से बातचीत के बाद, भारतीय कम्युनिस्ट नेतृत्व ने 1951 में एक नीति-विषयक वक्तव्य और एक कार्यक्रम का दस्तावेज़ जारी किया जिसे 1951 के अखिल भारतीय पार्टी सम्मेलन और 1953 की तीसरी पार्टी कांग्रेस में पारित किया गया।
- पहली बार पार्टी नेतृत्व ने, अपने एक प्रतिनिधिमण्डल की स्तालिन और सोवियत पार्टी के अन्य नेताओं से वार्ता के बाद, 1951 में एक कार्यक्रम और नीति-विषयक वक्तव्य तैयार करके जारी किया जिसे अक्तूबर, 1951 में पार्टी के अखिल भारतीय सम्मेलन और फिर दिसम्बर, 1953 में तीसरी पार्टी कांग्रेस में पारित किया गया।
- अब धन तरलता की धूम जिसने पिछले पांच वर्षों में पूरी तरह से विश्व और भारत के आर्थिक विकास में काफी योगदान दिया है, भारत की वृध्दि दरों को बनाए रखने हेतु ऋण तथा बड़ी आधारभूत परियोजनाओं के लिए वित्त (जिसका सन् 2012 तक 500 बिलियन डालर होने का अनुमान है), एक विकट नीति-विषयक चुनौती है।
- ऐसे में तो प्रत्येक व्यक्ति दिग्भ्रमित हो सकता है कि कैसे मैं वर्तमान में अच्छे और बुरे की सही-सही पहचान कर तदनुसार आचरण करूँ? वस्तुतः ऐसे सभी धार्मिक ग्रन्थ, जिनमें कुछ स्पष्ट नियम, नीतियाँ या आज्ञाएँ दी गयी हों, धार्मिक ग्रन्थ न होकर केवल नीति-विषयक ग्रन्थ ही हैं, या वे धर्म और नीति के मिश्रित स्वरूप हैं।
- इससे अधिक त्रासद विडम्बना भला और क्या हो सकती है कि 1951 तक भारत की कम्युनिस्ट पार्टी के पास भारतीय क्रान्ति का कोई कार्यक्रम तक नहीं था, केवल कम्युनिस्ट इण्टरनेशनल द्वारा प्रवर्तित आम दिशा और दिशा-निर्देशों के अनुरूप लिखे कुछ निबन्ध, प्रस्ताव और रणकौशल एवं नीति-विषयक दस्तावेज मात्र ही थे जो बताते थे कि भारत में राष्ट्रीय जनवादी क्रान्ति का कार्यभार सम्पन्न करना है।