संज्ञा • chalice • goblet | • tankard |
पानपात्र अंग्रेज़ी में
[ panapatra ]
पानपात्र उदाहरण वाक्य
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- वे अपने हाथों में चन्द्रहास नामक खड्ग, डमरू, मस्तक और पानपात्र धारण करती हैं।
- वे अपने हाथों में चन्द्रहास नामक खड्ग, डमरू, मस्तक और पानपात्र धारण करती हैं।
- वे अपने हाथों में चन्द्रहास नामक खड्ग, डमरू, मस्तक और पानपात्र धारण करती हैं।
- उनकी चार भुजाएं हैं और उनके चार हाथों में खड्ग, डमरू, पानपात्र तथा त्रिशूल पकड़े हुए हैं।
- चतुर्भुजी मां के हाथ में मातुलुंग, गदा, ढाल, पानपात्र था मस्तक पर नाग, लिंग योनि चिन्ह है.
- महालक्ष्मी के रूप में देवी के चार हाथों में एक वरद मुद्रा में और शेष तीन में त्रिशूल, खेटक और पानपात्र बनाने का विधान है।
- सम्पूर्ण कामनाओं की पूर्ति करने वाले ये दोनों स्तन देवी अपने भक्त ों को पिलाती हैं॥ 7-8 ॥ वे अपनी चार भुजाओं में खड्ग, पानपात्र, मुसल और हल धारण करती हैं।
- अब उनके दाहिनी ओर के निचले हाथों से लेकर बायीं ओर के निचले हाथों तक में क्रमश: जो अस्त्र हैं, उनका वर्णन किया जाता है॥10॥ अक्षमाला, कमल, बाण, खड्ग, वज्र, गदा, चक्र, त्रिशूल, परशु, शङ्ख, घण्टा, पाश, शक्ति दण्ड, चर्म (ढाल), धनुष, पानपात्र और कमण्डलु-इन आयुधों से उनकी भुजाएँ विभूषित हैं।
- वे ही दृश्य और अदृश्ष्यरूप से सम्पूर्ण विश्व को व्याप्त करके स्थित हैं॥4॥ राजन! वे अपनी चार भुजाओं में मातुलुङ्ग (बिजौरे का फल), गदा, खेट (ढाल) एवं पानपात्र और मस्तक पर नाग, लिङ्ग तथा योनि-इन वस्तुओं को धारण करती हैं॥5॥ तपाये हुए सुवर्ण के समान उनकी कान्ति है, तपाये हुए सुवर्ण के ही उनके भूषण हैं।
- वे ही दृश्य और अदृश्ष्यरूप से सम्पूर्ण विश्व को व्याप्त करके स्थित हैं॥4॥ राजन! वे अपनी चार भुजाओं में मातुलुङ्ग (बिजौरे का फल), गदा, खेट (ढाल) एवं पानपात्र और मस्तक पर नाग, लिङ्ग तथा योनि-इन वस्तुओं को धारण करती हैं॥5॥ तपाये हुए सुवर्ण के समान उनकी कान्ति है, तपाये हुए सुवर्ण के ही उनके भूषण हैं।