संज्ञा • dawn |
पौ अंग्रेज़ी में
[ pau ]
पौ उदाहरण वाक्यपौ मीनिंग इन हिंदी
उदाहरण वाक्य
- Above the roofs the stars were paling in presentiment of dawn .
पौ फटने का वक्त था और छत के ऊपर तारे पीले पड़ते जा रहे थे । - Sleep , he had to sleep ; as soon as the sun rose he would run to her …
नींद … उसे सोना ही होगा । कल पौ फटते ही वह उसके पास दौड़ा जाएगा - - It was still dark when he awoke , and , looking up , he could see the stars through the half-destroyed roof .
पौ फटने से पहले ही उसकी आंख खुल गई । आधी टूटी छत से वह आकाश में झिलमिलाते तारे देख सकता था । - She listened as I sang it in the Bhairavi mode of early dawn , and then said , ' Poet , I think that even if I were on my death-bed your songs would call me back to life . '
पौ फटने से पहले गाए जाने वाले राग भैरवी में उसने मेरा यह गान सुना और कहा , ' कवि , अगर में मृत्यु शय्या पर भी पड़ी होती तो तुम्हारा यह गान सुनकर मुझमें नई जान आ जाती . - The address was released after the end of the Second World War in which Rabindra Nath said of Subhas Chandra , inter alia “ I have watched the dawn that witnessed the beginning of your political ” Sad-hana ” .
यह मानपत्र द्वितीय महायुद्ध के पश्चात जारी किया गया था , जिसमें अन्य बातों के अलावा कवींद्र सुभाष से क़हते हैं- ? ? मैं उस पौ को फूटते देखता रहा हूं जिसमें तुम्हारी राजनीतिक साधना शुरू हुई थी .
परिभाषा
संज्ञा- वह अंग जिससे प्राणी खड़े होते और चलते-फिरते हैं:"मेरे पैर में दर्द है"
पर्याय: पैर, पाँव, टाँग, टांग, पग, गोड़, टँगड़ी, पाद, लात, पद, नलकिनी - व्यक्ति की टाँग का सबसे निचला भाग जिस पर वह खड़ा होता या जिससे चलता है:"कर्मचारी अधिकारी के पैरों पर गिरकर गिड़गिड़ाने लगा"
पर्याय: पैर, पाँव, क़दम, कदम, पाद, पद, पग, चरण, अंघ्रि - वनस्पतियों आदि का जमीन के अंदर रहने वाला वह भाग जिसके द्वारा उन्हें जल और आहार मिलता है:"आयुर्वेद में बहुत प्रकार की जड़ों का प्रयोग होता है"
पर्याय: जड़, मूल, सोर, चरण - प्रातःकाल के सूर्य के प्रकाश की रेखा या मध्यम ज्योति:"दादाजी रोज़ पौ फटने से पहले ही घूमकर आ जाते हैं"
पर्याय: उषा, फलक - जन-साधारण को पानी पिलाने का स्थान:"महानगरों में जगह-जगह प्याऊ बने होते हैं"
पर्याय: प्याऊ, पौसरा, पौसाला, पनसाल, पौंसरा, पौसला, पौह, जलसबील, जलप्रपा, सबील, प्रपा, तोयशाला, प्रपान, पयशाला, अहरा, अहरी - ज्योति की वे अति सूक्ष्म रेखाएँ जो प्रवाह के रूप में सूर्य, चंद्र, दीपक आदि प्रज्वलित पदार्थों में से निकलकर फैलती हुई दिखाई देती हैं:"सूरज की पहली किरण से दिन की शुरुआत होती है"
पर्याय: किरण, किरन, विभा, रश्मि, अंशु, मरीचि, मरिचिका, मयूख, ह्रद, केश, शिपि, रोचि, त्विषि, प्रसिति, द्युत्, द्युति, धाम, गभस्ति, चरण - पासे का वह तल जिस पर एक बिंदी होती है:"तीन पासे के खेल में एक पासे में पौ और बाकी पासों में छः छः के दाँव आने पर सबसे बड़ी जीत होती है"