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वायव अंग्रेज़ी में
[ vayav ]
वायव उदाहरण वाक्यवायव मीनिंग इन हिंदी
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- यमे नाम: वायव::-
- वह चार दिशा है-ईशान, उत्तर, वायव और पश्चिम।
- वायव अंगमारी के लक्षण दीखने पर ०. ०५% से बेनोमिल काछिड़काव करना चाहिए.
- प्राय: तना वायव तथा त्रिभुजी होता है और पत्तियाँ तीन पंक्तियों में रहती हैं।
- प्राय: तना वायव तथा त्रिभुजी होता है और पत्तियाँ तीन पंक्तियों में रहती हैं।
- जड़ों को उनके उगने के स्थान के अनुसार मृदामूल (soilt root), वायव (aeril) मूल तथा जलमूल कहते हैं।
- १. ३ राइजोक्टोनिया जड़ सड़न एवं वायव अंगमारी (ष्हिॅओच्टोनिअ षोओट्-रोट्अन्ड् आएरिअल् ब्लिग्ह्ट्) रोगजनक-राइजोक्टोनिया सोलेनाई कुहन (ष्हिॅओच्टोनिअ सोलनि खुह्न्) लैंगिक दशाः थेनेटेफोरस कुकुमेरिस (फ्रैंक) डोन्क फेर्ङेएट् स्टटेःठ्हनटेप्होरुस्चुचुमेरिस् (ञ्रन्क्) ढोन्क्.
- भारत की वायव? य भूमि पर गजनी नामक राज?य की स?थापना ह?ई तब तक मात?र अरब ही सिंध तक आ? थे. इसके अलावा कंदहार (गांधार), तक?षशिला, प?रूषप?र (पेशावर) तथा हिन?द?क?श का प?रा प?रदेश तत?कालीन भारतीय राज?यों में बंटा ह?आ था. पंजाब इनमें सबसे बड़ा राज?य था. इसके विपरीत महमूद के पूर?वज मोंगोलो के विरूद?ध लड़ने के लि?
- त्त देश से भिन्न देश हैं, वे दस्यु और म्लेच्छ देश कहाते हैं| इस से भी यह सिद्ध होता है कि अर्य्यावार्त्त से भिन्न पूर्व देश से लेकर ईशान, उत्तर, वायव और पश्चिम देशों में रहने वालों का नाम दस्यु और म्लेच्छ तथा असुर है| और नैऋत्य, दक्षिण तथा आग्नेय दिशाओं में आर्य्यावर्त्त से भिन्न रहने वाले मनुष्यों का नाम राक्षस है| अब भी देख लो हब्शी लोगों का स्वरुप भयंकर जैसे राक्षसों का वर्णन किया है, वैसा ही दिख पड़ता है|” [सत्यार्थ प्रकाश, समुलास 8, पृष्ट 225-226 प्रकाशक: श्रीमद दयानन्द सत्यार्थ प्रकाश न्यास, उदयपुर, जुलाई 2010]