• arsenic |
शंखिया अंग्रेज़ी में
[ shamkhiya ]
शंखिया उदाहरण वाक्य
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- कहना नहीं होगा कि दवा में भी शंखिया मिला होता।
- रोज साँझे उसे घुमाने ले जाता और शंखिया मिला कर कुछ न कुछ खिला देता।
- शंखिया, तूतिया और चूना 10-10 ग्राम की मात्रा में पीसकर बवासीर के मस्सों पर लगाने से मस्से सूख जाते हैं और रोग में आराम रहता है।
- बवासीर के रोग में बराबर मात्रा में चूना, शंखिया और तूतिया को एक साथ पीसकर मस्सों पर लगाने से मस्से सूख जाते हैं और आराम आता है।
- जिन इलाकों मे पानी में शंखिया और पऊलोराइड आदि मिले रहते हैं, वहां के पानी की जांच करने की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है ताकि लोगों को स्वच्छ जल उपलब्ध हो सके ।
- जिन इलाकों मे पानी में शंखिया और पऊलोराइड आदि मिले रहते हैं, वहां के पानी की जांच करने की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है ताकि लोगों को स्वच्छ जल उपलब्ध हो सके ।
- भष्मी सम्पुट यंत्र विवरण-शंखिया को मदार के दूध में भिगोवे फिर पीपल की रख एक कूंडे में भरे जब आधि भर जाय तब उसमें शंखिया रखकर आधा राख भी भर दे | इस प्रकार पुष्टता से भरे कि किसी ओर से धुँआ न निकले | क्योंकि विषैले धुँए से नेत्रों को बहुत हानि पहुँचती है | अनंतर चूल्हे की आँच पर चार पहर की आँच देवे | जब त्वाँग शीतल हो जाय तब उतार दे और वैद्य से पूछ कर इसको प्रयोग करे | उपर | घर | आगे
- भष्मी सम्पुट यंत्र विवरण-शंखिया को मदार के दूध में भिगोवे फिर पीपल की रख एक कूंडे में भरे जब आधि भर जाय तब उसमें शंखिया रखकर आधा राख भी भर दे | इस प्रकार पुष्टता से भरे कि किसी ओर से धुँआ न निकले | क्योंकि विषैले धुँए से नेत्रों को बहुत हानि पहुँचती है | अनंतर चूल्हे की आँच पर चार पहर की आँच देवे | जब त्वाँग शीतल हो जाय तब उतार दे और वैद्य से पूछ कर इसको प्रयोग करे | उपर | घर | आगे
- शंखिया का फूल उतारने का यंत्र विवरण-गाय के मूत्र में आधा पाव शंखिया लेकर भिगो दे | फिर जल पारा के रस में एक दिन भर घोट कर घीक्वार के पाठा के रस में घोटे बाद में हाँड़ी में भर दे और दूसरी हाँड़ी ले दोनों का मुख मिला दे मुद्रा देकर आँच पर चढ़ाये और अमरबेल पानी उस पर फेरता जाय तो शंखिया का फूल उड़ता है उसे लेकर बलानुसार खाँसी श्वास आदि रोग के रोगी को दे अथवा वैद्य से पूछ कर सेवन करे | उपर | घर | आगे
- शंखिया का फूल उतारने का यंत्र विवरण-गाय के मूत्र में आधा पाव शंखिया लेकर भिगो दे | फिर जल पारा के रस में एक दिन भर घोट कर घीक्वार के पाठा के रस में घोटे बाद में हाँड़ी में भर दे और दूसरी हाँड़ी ले दोनों का मुख मिला दे मुद्रा देकर आँच पर चढ़ाये और अमरबेल पानी उस पर फेरता जाय तो शंखिया का फूल उड़ता है उसे लेकर बलानुसार खाँसी श्वास आदि रोग के रोगी को दे अथवा वैद्य से पूछ कर सेवन करे | उपर | घर | आगे