• telegraph plant |
शालपर्णी अंग्रेज़ी में
[ shalaparni ]
शालपर्णी उदाहरण वाक्यशालपर्णी मीनिंग इन हिंदी
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- हैं कि वे ऋत और अमृत आदि नाम वैसे ही हैं, जैसे अश्वगन्धा, शालपर्णी
- शालपर्णी और अर्जुन की जड़ को बराबर मात्रा में मिश्रण बनाकर पीने से भस्मक रोग मिट जाता है।
- रोग शालपर्णी और अर्जुन की जड़ को बराबर मात्रा में मिश्रण बनाकर पीने से भस्मक रोग मिट जाता है।
- लिंग को बढ़ाने के लिए लोध्र, केशर, असगंधा, पीपल, शालपर्णी को तेल में पकाकर लिंग पर मालिश करने से लिंग में वृद्धि हो जाती है।
- ब्राह्मण्यष्टिका से कहते हैं । मूर्वा । मधुरसा । और तेजनी । तिक्तवल्लिका से कहते हैं । स्थिरा । विदारीगन्ध । शालपर्णी । अंशुमती । एक ही औषधि है । लाड्ग्ली । कलसी । क्रोष्टापुच्छा । गुहा । इनको एक ही समझना चाहिये । पुनर्नवा । वर्षाभू । कठिल्या । करुणा । ये एक ही हैं । एरण्ड को उरूवक ।
- चतुर्थकज्वर (हर चौथे दिन पर आने वाला बुखार): वासा मूल, आमलकी और हरीतकी फल मिश्रण, शालपर्णी पंचांग (शालपर्णी की तना, पत्ती, जड़, फल और फूल), देवदारू की लकड़ी और शुंठी आदि को बराबर मात्रा में लेकर काढ़ा बना लें, फिर इस काढ़े को 14 से 28 मिलीलीटर 5 से 10 ग्राम शर्करा और 5 ग्राम शहद के साथ दिन में 3 बार लें।
- चतुर्थकज्वर (हर चौथे दिन पर आने वाला बुखार): वासा मूल, आमलकी और हरीतकी फल मिश्रण, शालपर्णी पंचांग (शालपर्णी की तना, पत्ती, जड़, फल और फूल), देवदारू की लकड़ी और शुंठी आदि को बराबर मात्रा में लेकर काढ़ा बना लें, फिर इस काढ़े को 14 से 28 मिलीलीटर 5 से 10 ग्राम शर्करा और 5 ग्राम शहद के साथ दिन में 3 बार लें।
- फिर भी मनुजी ने यह विचारा कि कदाचित् ऋत आदि शब्दों के अर्थ लोग व्याकरण आदि के बल से मनमाना करने लग जाये (जैसी कि कुल्लूकभट्ट प्रभृति टीकाकारों ने फिर भी टाँग अड़ाई हैं), इसलिए अगले श्लोकों में आप ही उन शब्दों के अर्थ बतलाते हुए यह सूचित करते हैं कि वे ऋत और अमृत आदि नाम वैसे ही हैं, जैसे अश्वगन्धा, शालपर्णी मण्डप, ओदनपाकी और गदहपूर्णा वगैरह नाम औषधियों आदि के हैं, न कि यौगिक हैं।
परिभाषा
संज्ञा- एक पौधा:"शालपर्णी दवा के रूप में उपयोग होती है"
पर्याय: शालपर्ण, त्रिपर्णी, त्रिपर्णिका, सरिवन, शालिपर्णी, धवनि, शालपत्रा, तृणगंधा, तृणगन्धा, पीतिनी, पीतनी, रुद्रजटा, रुद्र-जटा, रुद्र_जटा, सौम्या, शालानी, दीर्घमूला, निश्चला, वातघ्नी, ध्रुवा, गठिवन, कुकुर, पीलुमूल, पीवरी, शालिका, शुभपत्रिका, नीलपुष्प, पर्णी, अस्तमती, पालिंदी, पालिन्दी, पालिंधी, पालिन्धी