संज्ञा • sensationalism |
संवेदनवाद अंग्रेज़ी में
[ samvedanavad ]
संवेदनवाद उदाहरण वाक्यसंवेदनवाद मीनिंग इन हिंदी
उदाहरण वाक्य
- ह्यूम का आचरणशास्त्र फिर एक बार संवेदनवाद की ओर झुकता है।
- अनुभववाद (एंपिरिसिज्म) एक दार्शनिक सिद्धांत है जिसमें इंदियों को ज्ञान का माध्यम माना जाता है और जिसका मनोविज्ञान के संवेदनवाद (सेंसेशनलिज़्म) का विकास अनुभववाद में हुआ।
- अनुभववाद (एंपिरिसिज्म) एक दार्शनिक सिद्धांत है जिसमें इंदियों को ज्ञान का माध्यम माना जाता है और जिसका मनोविज्ञान के संवेदनवाद (सेंसेशनलिज़्म) का विकास अनुभववाद में हुआ।
- कोई यह भविष्यवाणी कर सकता है कि ऐसे समय में मनोविश्लेषण में रुचि बढ़ेगी क्योंकि मनोविश्लेषण केवल सोचने वाले व्यक्ति का संवेदनवाद नहीं, जिसमें बौध्दिक संचय के साथ अति सनसनीखेज भौतिक वस्तुओं के प्रति आकर्षण का सम्मिश्रण होता है, बल्कि यह विशेष रूप से राजनीतिक हुए बिना रैडिकलिज्म का एक उत्साहवर्धक संकेत है।
- १ ८ वीं शती में विकसित देशों में आए गहन आर्थिक परिवर्तनों, औद्योगिक क्रांति और वैज्ञानिक ज्ञान के व्यावहारिक अनुप्रयोग की बदौलत अनुभववाद और संवेदनवाद को प्रमुखता प्राप्त हुई, जो शुद्ध बुद्धि की तुलना में अनुभव और इंद्रियजन्य ज्ञान को अधिक महत्त्व देते हैं और किसी भी तरह के जन्मजात विचारों के अस्तित्व को नहीं मानते।
परिभाषा
संज्ञा- एक दार्शनिक सिद्धांत जिसमें यह माना जाता है कि सब प्रकार के ज्ञान हमें इंद्रियों की अनुभूति से ही प्राप्त होते हैं:"अधिकतर लोग इंद्रियार्थवाद के समर्थक हैं"
पर्याय: इंद्रियार्थवाद, इन्द्रियार्थवाद