अचंचलता का अर्थ
[ achencheltaa ]
अचंचलता उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- स्थिरचित्त या गंभीर होने की अवस्था या भाव:"कोई भी कार्य गंभीरता से करें"
पर्याय: गंभीरता, गांभीर्य, गाम्भीर्य, शांतचित्तता, स्थिरमनस्कता, स्थिरचित्तता, उद्वेगहीनता, अचपलता, अचपलापन, वेध, संजीदगी - / मन की स्थिरता शांति प्रदान करती है"
पर्याय: ठहराव, स्थिरता, विराम, निश्चलता, जड़ता, जड़त्व, स्थायित्त्व, ध्रुवता, अवसान, अवरति, संकेतन, अयान, अलोलिक, धृति, प्रशांतता, प्रशान्तता, इस्तमरार, करार, क़रार
उदाहरण वाक्य
- शब्द व्युत्पत्ति के आधार पर ‘ अथर्वा ' शब्द का अर्थ ‘ अचंचलता की स्थिति ' है।
- अहिंसा सत्यमक्रोधस्लाग शांतिपेंशुनम् दया भूतेष्वयलोलुप्ल मार्दवं ह्रीरचापलम् तेज : क्षमा धृति : शौचमद्रोहो नातिमानिता भवन्ति संपदं : दैवीमभिजातस्य भारत हे भारत ! - अर्जुन को कृष्ण ने कहा - हे भारत , अभय , चित्तशुद्धि , योगानुराग , दान , संयम , यश , स्वाध्याय , तप , सरलता , अहिंसा , सत्य , अक्रोध , त्याग , शांति , अलोभ , अहंकारशून्यता , ही अर्थात असत कार्यो में सहज संकोच , अचंचलता , तेज , क्षमा , धृति अर्थात सुख - दुख में अविचलभाव , अद्रोह ये सब दिव्यपुरुष के लक्षण है।
- अहिंसा सत्यमक्रोधस्लाग शांतिपेंशुनम् दया भूतेष्वयलोलुप्ल मार्दवं ह्रीरचापलम् तेज : क्षमा धृति : शौचमद्रोहो नातिमानिता भवन्ति संपदं : दैवीमभिजातस्य भारत हे भारत ! - अर्जुन को कृष्ण ने कहा - हे भारत , अभय , चित्तशुद्धि , योगानुराग , दान , संयम , यश , स्वाध्याय , तप , सरलता , अहिंसा , सत्य , अक्रोध , त्याग , शांति , अलोभ , अहंकारशून्यता , ही अर्थात असत कार्यो में सहज संकोच , अचंचलता , तेज , क्षमा , धृति अर्थात सुख - दुख में अविचलभाव , अद्रोह ये सब दिव्यपुरुष के लक्षण है।