अष्टकुल का अर्थ
[ asetkul ]
अष्टकुल उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- पुराणानुसार सर्पों के आठ कुल:"शेष, वासुकि, कुलीर, कर्कट, धृतराष्ट्र, तक्षक, अनंत और बलाहक के कुल अष्टकुल हैं"
पर्याय: अष्टवंश
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- अष्टकुल के संयुक्त लिच्छवियों का यह संघव्रात्य संकरों का
- ये अष्टकुल थे-लिच्छवी , वृज्जी (वज्जि), ज्ञात्रिक, विदेह, उगरा, भोग, इक्ष्वाकु और कौरव।
- इक्ष्वाकु और कौरव ये आठ कुल सम्मिलित थे , जो अष्टकुल कहलाते थे।
- वैशाली के गणराज्य बनने के बाद इसका राज्य-संचालन अष्टकुल द्वारा होने लगा।
- ये अष्टकुल थे-लिच्छवी , वृज्जी (वज्जि ), ज्ञात्रिक, विदेह, उगरा, भोग, इक्ष्वाकु और कौरव।
- पुराणों में अष्टकुल पर्वतों की नामावली और उनकी कन्याओं की फेहरिस्त भी दी है।
- लगभग २५०० वर्ष पूर्व भारत में स्थापित वैशाली गणराज्य ( महाजनपद) का राज्य-संचालन अष्टकुल के द्वारा होता है।
- उस समय तक लिच्छवियों के अष्टकुल के सिर्फ 999 सदस्य ऐसे थे जिन्होंने पुष्करिणी में स्नान किया था।
- लगभग २५०० वर्ष पूर्व भारत में स्थापित वैशाली गणराज्य ( महाजनपद ) का राज्य-संचालन अष्टकुल के द्वारा होता है।
- अष्टकुल ( नागों के)- वासुक, तक्षक, कुलक, कर्कोटक, पद्म, शंखचूड़, महापद्म, धनंजय अष्टगन्ध- चन्दन, अगर, देवदारु, केसर, कपूर, शैलज, जटामासी, गोरोचन