अष्टाङ्ग का अर्थ
[ asetaanegga ]
अष्टाङ्ग उदाहरण वाक्य
परिभाषा
विशेषण- आठ अवयवों या घटकों वाला:"सूर्य को अर्घ्य देने के लिए पंडित ने अष्टांग द्रव्य मँगाया"
पर्याय: अष्टांग - आठ पहल या पार्श्व का:"शीला अठपहले बक्से में सामान रख रही है"
पर्याय: अठपहला, अठपहलू, अष्टांग - आठ अंगों वाला:"वह प्रतिदिन अष्टांगी योग करता है"
पर्याय: अष्टांगी, अष्टाङ्गी, अष्टंगी, अष्टङ्गी, अष्टांग
- योग की क्रिया के आठ भेद:"यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारण, ध्यान और समाधि - ये अष्टांग हैं"
पर्याय: अष्टांग - आयुर्वेद के आठ विभाग:"शल्य, शालाक्य, काय - चिकित्सा, भूतविद्या, कौमारभृत्य, अगद - तंत्र और बाजीकरण - ये अष्टांग हैं"
पर्याय: अष्टांग - शरीर के आठ अंग:"जानु, पद, हस्त, उर, सिर, वचन, दृष्टि और बुद्धि - ये अष्टांग हैं जिनसे प्रणाम करने का विधान है"
पर्याय: अष्टांग - सूर्य को दिया जाने वाला वह अर्घ जिसमें आठ पदार्थ होते हैं:"अष्टांग में जल, क्षीर, कुशाग्र, मधु, दही, घी, रक्तचंदन और करवीर होते हैं"
पर्याय: अष्टांग
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- उसीको अष्टाङ्ग योग भी कहा है ।
- इसे अष्टाङ्ग आयुर्वेद कहते हैं ।
- और अष्टाङ्ग योग साधनाका मुख्य ध्येय निराकार ब्रह्मका अनुभव करना मान लिया ।
- वास्तवमें परमात्माके अविनाशी स्वरूपकी अनुभूतिके लिए निर्गुण भक्ति अर्थात् अष्टाङ्ग योगका उपदेश हुआ है ।
- दुर्गा - जो अष्टाङ्ग योग , कर्म एवं उपासना रूप दुःसाध्य साधनद्वारा प्राप्त हुन्छिन्, उनै जगदम्बिका 'दुर्गा' कहलाउँछिन ।
- अष्टाङ्ग संग्रह , अष्टाङ्ग हृदय , भाव प्रकाश , माधव निदान इत् यादि ग्रंथों का सृजन चरक और सुश्रुत को आधार बनाकर रचित की गयीं हैं।
- अष्टाङ्ग संग्रह , अष्टाङ्ग हृदय , भाव प्रकाश , माधव निदान इत् यादि ग्रंथों का सृजन चरक और सुश्रुत को आधार बनाकर रचित की गयीं हैं।
- अष्टाङ्ग संग्रह , अष्टाङ्ग हृदय , भाव प्रकाश , माधव निदान इत् यादि ग्रंथों का सृजन चरक और सुश्रुत को आधार बनाकर रचित की गयीं हैं।
- अष्टाङ्ग शील के 7 वें शील को दो भागों में विभक्त कर दिया जाता है , इस तरह 8 वें के स्थान पर 9 हो जाते हैं तथा उसमें स्वर्ण , चाँदी आदि का ग्रहण न करना एक शील को और जोड़ दिया जाता है , इस तरह कुल 10 शील हो जाते हैं।