आश्रव का अर्थ
[ aasherv ]
आश्रव उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- कोई ऐसा काम जो किसी विधि या विधान के विरुद्ध हो और जिसके लिए कर्ता को दंड मिल सकता हो:"बाल श्रमिक से काम कराना एक अपराध है"
पर्याय: अपराध, गुनाह, जुर्म, कसूर, कुसूर, क़सूर, क़ुसूर, दोष, गुनाहगारी, पाष्मा, आगस, जरायम, इल्लत, क्राइम - शरीर या मन को दी जानेवाली या होनेवाली पीड़ा:"भारत को आज़ाद कराने के लिए देशभक्तों को बहुत कष्ट सहने पड़े"
पर्याय: कष्ट, यंत्रणा, यातना, दुख, मशक्कत, अमीव, अमीवा, रुज - अपनाने या ग्रहण करने की क्रिया:"विवाह के दो वर्ष पश्चात् भी वरुण अपनी पत्नी को स्वीकार नहीं कर सका"
पर्याय: स्वीकार, अंगीकार, मंजूर, मंज़ूर, मन्जूर, क़बूल, कबूल, क़ुबूल, कुबूल, इक़बाल, इकबाल, अभ्युपगम - किसी की कोई बात सुनकर उसके अनुसार काम करने की क्रिया:"हम बहुत सारे कार्य बड़ों के आश्रव के द्वारा करते हैं"
- नदी की धारा:"एक नाव आश्रव में बह गई"
पर्याय: सरित-प्रवाह, सरित प्रवाह - जैन और बौद्ध दर्शनों के अनुसार कोई ऐसी बात जो जीव के बंधन का कारण हो अथवा उसके मोक्ष में बाधक हो:"जैनों में पापाश्रव और पुण्याश्रव अथवा बौद्धों में अविद्याश्रव, कायाश्रव आदि मोक्ष में बाधक हैं"
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- उसमें कोई आश्रव अर्थात अशुद्धि नहीं है।
- इसप्रकार आश्रव से बंधनवस्था का प्रारम्भ हो जाता है।
- ये तीन इस प्रकार है - आश्रव .
- मन यह आश्रव का घर है।
- आश्रव तत्व में दो बातें आती है- पाप और पुण्य।
- इसी आत्मा और पुद्गल परमाणुओं के संपर्क का नाम आश्रव है;
- ज्ञानी भगवंत रात्री भोजन को तिर्यंच - नरक का आश्रव व्दार कहते हैं|
- इतीयमार्हती दृष्टि : सर्वमन्यत्प्रपञ्चनम्॥ आश्रव दु:ख का हेतु है और संवर संख का हेतु है।
- तत्त्व सात हैं - जीव , अजीव , आश्रव , बंध , संवर , निर्जरा और मोक्ष ।
- तत्त्व सात हैं - जीव , अजीव , आश्रव , बंध , संवर , निर्जरा और मोक्ष ।