उषा-काल का अर्थ
[ usaa-kaal ]
उषा-काल उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- दिन निकलने का समय :"सुबह होते ही किसान खेत की ओर चल दिया"
पर्याय: सुबह, भोर, प्रभात काल, प्रातःकाल, प्रात, सवेरा, सबेरा, प्रभात, प्रातः, तड़का, अरुणोदय, विहान, उषा, उषाकाल, भीन, निशांत, निशावसान, दिवसमुख, निशात्यय, अनुदित, रात्रिविग, स्त्रीघोष, निशातिक्रम, निशोत्सर्ग, अरुण, अरुन, अरुणा, व्युष्ट, प्रत्युष, प्रत्यूष, व्युष्टि, अहर्मुख, व्युष, उखा, फ़जर, फजर, फ़ज्र, फज्र
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- देखो , वसत के उषा-काल ने दिया शिशिर-परिधान हटा ।
- मालूम हुई , जो उषा-काल के सौरभ और प्रकाश से रंजित
- मुझे वह देव-कन्या सी मालूम हुई , जो उषा-काल के सौरभ और प्रकाश से रंजित आकाश से उतर आयी हो।
- प्रज्ञा परिजनों का प्रज्ञा पुत्रों का उभरता परमार्थ परम पौरुष यह बताता है कि अदृश्य लोक में कुछ ब्रह्म-मुहूर्त जैसी , उषा-काल जैसी अतिरिक्त ऊर्जार् उभरी है।
- प्रज्ञा परिजनों का प्रज्ञा पुत्रों का उभरता परमार्थ परम पौरुष यह बताता है कि अदृश्य लोक में कुछ ब्रह्म-मुहूर्त जैसी , उषा-काल जैसी अतिरिक्त ऊर्जार् उभरी है।
- प्रकृति ने इस ऋतु में पित्त-शामक वातावरण रचा है . स्वच्छऔर शीतल नदी का स्नान ओस-सिक्त उषा-काल में हरी-हरी घास में घूमना फिरना, आँवलाजैसे पित्त-शामक फलों का सेवन, कमल, कदम्ब आदि पुष्पो की शीतल सुगंध इत्यादिपित्त-शामक है.
- ”विधिः- जिस दिन सभा को मोहित करना हो , उस दिन उषा-काल में नित्य कर्मों से निवृत्त होकर ‘गंगोट' (गंगा की मिट्टी) का चन्दन गंगाजल में घिस ले और उसे १०८ बार उक्त मन्त्र से अभिमन्त्रित करे।
- ” विधिः- जिस दिन सभा को मोहित करना हो , उस दिन उषा-काल में नित्य कर्मों से निवृत्त होकर ‘ गंगोट ' ( गंगा की मिट्टी ) का चन्दन गंगाजल में घिस ले और उसे १ ० ८ बार उक्त मन्त्र से अभिमन्त्रित करे।
- कविता के उद्भव काल से समकालीन लेखन तक उषा-काल , प्रातः बेला तथा संध्याकाल को विषय बनाकर हजारों कविताऐं लिखी गई हैं और भविष्य में भी काव्यक्षेत्र से यह विषय निर्वासित नहीं किया जाने वाला है किन्तु नया रचनाकार यदि उन्हें नई ताजगी और अपने अन्दाजे-बयाँ में प्रस्तुत करता है , तो विषयगत दुहराव भी पढ़ने , सुनने और गुनने में सर्वथा नया प्रतीत होने लगता है।