चन्द्रकान्तमणि का अर्थ
[ chenderkaanetmeni ]
चन्द्रकान्तमणि उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- एक कल्पित रत्न:"ऐसा माना जाता है कि चन्द्रकान्त चन्द्रमा के सामने रखने से पसीज जाता है"
पर्याय: चन्द्रकान्त, चंद्रकांत, चंद्रकान्त, चन्द्रकांत, इंदुमणि, इन्दुमणि, इंदुमनि, इन्दुमनि, मणीचक, चंद्रमणि, चन्द्रमणि, चंद्रशिला, चन्द्रशिला, चंद्रकांतमणि, शशिकांत, शशिकान्त, शशिकांतमणि, शशिकान्तमणि, शशांकोपल, शशाङ्कोपल
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- विदू . : सच है, चन्द्र बिना चन्द्रकान्तमणि को और कौन द्रवावै?
- इसके विपरीत यदि चन्द्रकान्तमणि की उपस्थिति या सन्निधि न हो तो दाहक्रिया हो जाती है।
- इससे यह स्पष्ट होता है कि चन्द्रकान्तमणि की उपस्थिति में दाहक्रिया नहीं होती और अनुपस्थिति में हो जाती है।
- यह इस उदाहरण से सिद्ध होता है कि चन्द्रकान्तमणि की उपस्थिति या सन्निधि में आग और काष्ठ के संयोग से भी दाहक्रिया नहीं होती।
- फलस्वरुप यह ग्रन्थ श्री साई सच्चरित्र आप लोगों को उपलब्ध हो सका , जो एक निर्मल स्त्रोत या चन्द्रकान्तमणि के ही सदृश है , जिसमें से सदैव साई-लीलारुपी अमृत झरा करता है , ताकि पाठकगण जी भर कर उसका पान करें ।
- पश्चिम दिशा में लालमणिमय कमलाकार तुंगविद्यानन्द नामक तुर्गविद्या सखी कुञ्ज और वायुकोण में मरकत मणिविरचित कमलाकार सुदेवी जी का सुदेवीसुखद या आनन्द कुञ्ज तथा श्रीराधाकुण्ड के मध्य में चन्द्रकान्तमणि विरचित षोडश दलकमलाकार अनंगमंजरी- आनन्द कुञ्ज है , जिसे स्वानन्दसुखद कुञ्ज भी कहते हैं ।
- पश्चिम दिशा में लाल मणिमय कमलाकार तुंग विद्यानन्द नामक तुर्गविद्या सखी कुञ्ज और वायुकोण में मरकत मणिविरचित कमलाकार सुदेवीजी का सुदेवीसुखद या आनन्द कुञ्ज तथा श्रीराधाकुण्ड के मध्य में चन्द्रकान्तमणि विरचित षोडश दल कमलाकार अनंगमंजरी - आनन्द कुञ्ज है , जिसे स्वानन्दसुखद कुञ्ज भी कहते हैं।
- विदू . : सच है , चन्द्र बिना चन्द्रकान्तमणि को और कौन द्रवावै ? ( एक ओर बगीचे और मन्दिर का दृश्य ) ( भैरवानन्द आता है ) भैरवानन्द : इस बट के मूल में सुरंग के दरवाजे पर चामुण्डा की मूर्ति है तो यहीं ठहरैं।