चन्द्रकी का अर्थ
[ chenderki ]
चन्द्रकी उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- एक अत्यंत सुंदर बड़ा पक्षी जिसकी पंखनुमा पूँछ लम्बी होती है:"मोर भारत का राष्ट्रीय पक्षी है"
पर्याय: मोर, मयूर, कलापी, शिखंडी, शिखण्डी, केकी, नीलकंठ, नीलकण्ठ, मायूर, घनप्रिय, चंद्रकी, अहिरिपु, बरहा, बरही, मयूक, शिखाधर, शिखाधार, शिखालु, शिखावर, शिखावल, शिखि, शिखी, शिखाल, मार्जारक, ताऊस, शुक्लापांग, वृषी, शापटिक, शुक्रभुज, शुक्रांग, मेनाद, वर्षामद, राजसारस, वर्ही, अर्की, प्रवलाकी, अर्जुन, सर्पद्विष, बाहुलग्रीव, पुँछार, दीप्तांग, दीप्ताङ्ग, कुंडली, कुण्डली - नर मयूर या मोर:"मोर और मोरनी का जोड़ा चारा चुग रहा है"
पर्याय: मोर, मयूर, कलापी, शिखंडी, शिखण्डी, केकी, नीलकंठ, नीलकण्ठ, मायूर, घनप्रिय, चंद्रकी, अहिरिपु, बरहा, बरही, मयूक, शिखाधर, शिखाधार, शिखालु, शिखावर, शिखावल, शिखी, शिखाल, मेघानंद, मेघानन्द, राजसारस, बर्हिण, मेघसुहृद, चित्रपिच्छक, चित्रमेखल, केहा, नागवारिक, बर्ही, नागांतक, नागान्तक, कालकंठ, कालकण्ठ, शतपत्र, प्रपादिक, मरुक
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- इससे जाहिर हैं कि चोट प्रतिवेदन में भी श्रीमति चन्द्रकी के कोई धारदार हथियार की चोटे नही होना बताया हैं।
- बल्कि आज वह बाबूलाल व उसकी माता चन्द्रकी के खिलाफ धारा 447 , 323 भारतीय दण्ड संहिता का चालान न्यायालय मे पेश करने आया हैं जिसकी फाईल मेरे पास हैं।
- जबकि र्निविवाद रूप से यह साक्ष्य सामने लाई गई हैं कि बाबूलाल व उसकी माता चन्द्रकी को माह जनवरी में ही जमानत मुचलके पर रिहा कर दिया गया था।
- यह भी बताया गया हैं कि उसने स्वंय ने बाबूलाल व उसकी माता चन्द्रकी को प्रदर्श पी . 32 व 33 द्वारा जमानत पर दिनांक29.1.2001 को ही रिहा कर दिया था।
- यह भी र्निविवाद हैं कि बाबूलाल व चन्द्रकी के विरूद्ध पहले से ही चालान तैयार किया जा चुका था तथा जगमालाराम के पास परिवादी बाबूलाल का कोई काम शेष नही रहा।
- स्वंय बाबूलाल परिवादी ने अपनी साक्ष्य में यह बताया है कि उसकी माता चन्द्रकी के पैर में कुल्हाडी की चोट आई थी तथा इस बात का भी अनुमोदन किया कि जगमालाराम ने उसे टेलीफोन करके रिश्वत देने की कहा था।
- ( आर. के. बंसल) 15निर्णय आज दिनांक 06.06.2007 को खुले न्यायालय में सुनाया (आर. के. बंसल) विशेष न्यायाधीश, सैशन न्यायालय (भ्र. नि. अ.) जोधपुर गया एवं हस्ताक्षरित किया गया। यह भी बताया गया हैं कि उसकी माता चन्द्रकी के गहरी चोट लगी हैं।
- 7 . शुक्लपक्षकी शुरुआतकी पहली तीन तिथि चन्द्रकी , तथा दुसरी तीन तिथि सूर्यकी होती है , तीसरी तीन तिथि चन्द्र की , चोथी तीन तिथि सूर्य की , पांचवी तीन तिथि चन्द्र की , तिथि वाला स्वर उस दिन चल रहा हो तो शुभ अन्यथा खराब ।
- इस निर्णय से यह जाहिर होता हें कि अभियुक्तगण कूम्भाराम आदि को धारा 341 , 323,324 भारतीय दण्ड संहिता के आरोपो से दोषमुक्त कर दिया गया हैं इस निर्णय को पढने से यह जाहिर होता हैं कि चन्द्रकी के पैर पर रामचन्द्र ने कुल्हाडी से दाहिने पैर की नली पर मारी जिससे उसके पैर की नली टूट गई।
- उपरोक्त साक्ष्य को देखने से यह जाहिर होता हैं कि प्रथम सूचना रिपोर्ट प्रदर्श पी . 35 में बताये अनुसार परिवादी यह विश्वास करता था कि चन्द्रकी के कुल्हाडी की चोट आने के कारण उसके मामले में धारा 326 भारतीय दण्ड संहिता का चालान होना चाहिये था तथा यह चालान पेश नही करने के कारण उसे अनुसन्धानकर्ता जगमालाराम की सदभावना पर शक हुआ।