शिखि का अर्थ
[ shikhi ]
शिखि उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- एक देवता जो काम के रूप माने जाते हैं:"कामदेव को शिव की क्रोधाग्नि का सामना करना पड़ा"
पर्याय: कामदेव, काम देवता, अनंगी, पुष्पायुध, मदन, मनोज, रतिनाथ, अंगहीन, अशरीर, मकर ध्वज, मनमथ, मन्नथ, कंदर्प, अंड, अण्ड, अनंग, अदेह, अनन्यज, पंचबाण, पंचसर, नमुचि, स्मर, सुप्रतीक, मुहिर, अबलासेन, शंबरसूदन, शम्बरसूदन, शंबरारि, शम्बरारि, संकल्पभव, संकल्पयोनि, शुकवाह, चैत्रसखा, अंगजात, अपांग, चित्तज, रतिवर, रतिराज, समर, मनसिज, मदराग, मीनकेतु, मीनध्वज, रुद्रारि, शारंग, सारंग, हृदयनिकेतन, झषकेतु, झषांक, रूपास्त्र, भव, मीनकेतन, चेतात्मजा, चेतोजन्मा, सुमसायक, वसंत-बंधु, वसन्त-बन्धु, वसंतसख, वसन्तसख, वसंतसखा, वसन्तसखा, मधुसखा, मधुसहाय, मधुसारथि, मधुसख, मधुसुहृद, निषद्वर, रागरज्जु, रागवृंत, रागवृन्त, रागच्छन, विषमवाण, विषमविखिज, पुष्पपत्री, पुष्पशर, पुष्पशरासन, रतिनाह, इ, रणरणक, वाम, अयुग्मबाण, अयुग्मशर, प्रसूनवाण, शृंगारजन्मा, जराभीस, मनजात, कुसुमकार्मुक, कुसुमचाप, कुसुमेषु, कुसुमधन्वा, कुसुमबाण, कार्ष्णि, कुसुमायुध, श्रीज, श्रीपुत्र, रवीषु, पुष्पचाप, मनोभू, असमवाण, पंचवाण, असमशर, आत्मज, आत्मजात, आत्मप, धानकी, पंचशर, वरीषु, रमण, पुष्पकेतन, पुष्पधन्वा, पुष्पध्वज, पुष्पचाप - जलती हुई लकड़ी, कोयला या इसी प्रकार की और कोई वस्तु या उस वस्तु के जलने पर अंगारे या लपट के रूप में दिखाई देने वाला प्रकाशयुक्त ताप:"आग में उसकी झोपड़ी जलकर राख हो गई"
पर्याय: आग, अग्नि, पावक, हुतासन, अनल, अगन, अगिया, अगिन, अगनी, अगिर, दाहक, आतश, आतिश, अनिलसखा, विंगेश, दाढ़ा, वह्नि, ध्वांतशत्रु, ध्वान्तशत्रु, ध्वांताराति, ध्वान्ताराति, पशुपति, वैश्वानर, अमिताशन, धरुण, विश्वप्स, पवन-वाहन, जगन्नु, सोमगोपा, शिखी, वृष्णि, शुक्र, शुचि, तनूनपात्, तनूनपाद्, अय, तपुर्जम्भ, तपुर्जंभ, तपु, तमोहपह, तमोनुद, अर्क, बाहुल, जल्ह, चित्रभानु, कालकवि, अर्दनि, बहनी, नीलपृष्ठ, मलिनमुख, द्यु, अशिर, आगी, आगि, परिजन्मा, अगिआ, आज्यमुक, आशर, वर्हा, वसुनीथ, वसु, हेमकेली, आशुशुक्षणि, पर्परीक, लघुलय, आश्रयास, यविष्ठ, राजन्य, हृषु, बरही, भारत - एक अत्यंत सुंदर बड़ा पक्षी जिसकी पंखनुमा पूँछ लम्बी होती है:"मोर भारत का राष्ट्रीय पक्षी है"
पर्याय: मोर, मयूर, कलापी, शिखंडी, शिखण्डी, केकी, नीलकंठ, नीलकण्ठ, मायूर, घनप्रिय, चंद्रकी, चन्द्रकी, अहिरिपु, बरहा, बरही, मयूक, शिखाधर, शिखाधार, शिखालु, शिखावर, शिखावल, शिखी, शिखाल, मार्जारक, ताऊस, शुक्लापांग, वृषी, शापटिक, शुक्रभुज, शुक्रांग, मेनाद, वर्षामद, राजसारस, वर्ही, अर्की, प्रवलाकी, अर्जुन, सर्पद्विष, बाहुलग्रीव, पुँछार, दीप्तांग, दीप्ताङ्ग, कुंडली, कुण्डली - हिन्दू धर्मग्रंथों में वर्णित एक देवता जो आग के अधिपति माने जाते हैं:"स्वाहा अग्निदेव की पत्नी हैं"
पर्याय: अग्निदेव, अग्नि, अनिलसखा, शांडिल्य, शाण्डिल्य, पिंगेश, वसुविद, वसुप्राण, धरुण, सोमगोपा, वृषाकपि, वृष्णि, शिखी, द्यु, जंभारि, बसंदर, चित्रभानु, परिजन्मा, पचत, वसुनीथ, मित्रविंद, मित्रविन्द
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- इन वर्षों की सात ही समुद्रगामिनी नदियां हैं अनुतप्ता , शिखि, विपाशा, त्रिदिवा, अक्लमा, अमृता और सुकृता।
- इन वर्षों की सात ही समुद्रगामिनी नदियां हैं अनुतप्ता , शिखि, विपाशा, त्रिदिवा, अक्लमा, अमृता और सुकृता।
- उपग्रह : धूम , पथ , परिधि , इंद्र चाप ( व्यतीपात ) एवं शिखि हैं।
- इन वर्षों की सात ही समुद्रगामिनी नदियां हैं अनुतप्ता , शिखि, विपाशा, त्रिदिवा, अक्लमा, अमृता और सुकृता।
- इन वर्षों की सात ही समुद्रगामिनी नदियां हैं अनुतप्ता , शिखि, विपाशा, त्रिदिवा, अक्लमा, अमृता और सुकृता।
- इन वर्षों की सात ही समुद्रगामिनी नदियां हैं अनुतप्ता , शिखि , विपाशा , त्रिदिवा , अक्लमा , अमृता और सुकृता ।
- इन वर्षों की सात ही समुद्रगामिनी नदियां हैं अनुतप्ता , शिखि , विपाशा , त्रिदिवा , अक्लमा , अमृता और सुकृता ।
- 3600 -परिधि त्र शिखि : 360 $ 16 ‘ 40 ' उदाहरण : मान लें किसी जन्म कुंडली में सूर्य कर्क राशि की 40 पर है।
- बांये से क्रमशः विपस्सी ( धर्मचक्र प्रवर्तनमुद्रा), शिखि (ध्यान मुद्रा), विश्वभू (अभय मुद्रा) क्रकुच्छंद (ध्यानमुद्रा), कनकमुनि (अभय मुद्रा) काश्यप (ध्यान मुद्रा) एवं गौतम बुद्ध (धर्मचक्र प्रवर्तन मुद्रा) में है.
- स्वयं ही गिरे पंख को श्री भवानी वात्सल्य के वश , कमल दल अलग कर बना निज लिया धार अवतंस मानी शिव शशि प्रभा से त्ा धौत जिसके नयन, षडानन का शिखि वहां पाना पर्वत गुहा ध्वनित घन गर्जना से स्वयं की , उसे तुम वहां पर नचाना शब्दार्थ ...