विश्वप्स का अर्थ
[ vishevpes ]
परिभाषा
संज्ञा- जलती हुई लकड़ी, कोयला या इसी प्रकार की और कोई वस्तु या उस वस्तु के जलने पर अंगारे या लपट के रूप में दिखाई देने वाला प्रकाशयुक्त ताप:"आग में उसकी झोपड़ी जलकर राख हो गई"
पर्याय: आग, अग्नि, पावक, हुतासन, अनल, अगन, अगिया, अगिन, अगनी, अगिर, दाहक, आतश, आतिश, अनिलसखा, विंगेश, दाढ़ा, वह्नि, ध्वांतशत्रु, ध्वान्तशत्रु, ध्वांताराति, ध्वान्ताराति, पशुपति, वैश्वानर, अमिताशन, धरुण, पवन-वाहन, जगन्नु, सोमगोपा, शिखि, शिखी, वृष्णि, शुक्र, शुचि, तनूनपात्, तनूनपाद्, अय, तपुर्जम्भ, तपुर्जंभ, तपु, तमोहपह, तमोनुद, अर्क, बाहुल, जल्ह, चित्रभानु, कालकवि, अर्दनि, बहनी, नीलपृष्ठ, मलिनमुख, द्यु, अशिर, आगी, आगि, परिजन्मा, अगिआ, आज्यमुक, आशर, वर्हा, वसुनीथ, वसु, हेमकेली, आशुशुक्षणि, पर्परीक, लघुलय, आश्रयास, यविष्ठ, राजन्य, हृषु, बरही, भारत - / पूर्व से सूर्य को आते देख तिमिर दुम दबाकर भागने लगा"
पर्याय: सूर्य, सूरज, भानु, दिवाकर, भास्कर, प्रभाकर, दिनकर, रवि, आदित्य, दिनेश, सविता, पुष्कर, मिहिर, अंशुमान, अंशुमाली, अग, अदित, अवि, अनड्वान्, आफ़ताब, आफताब, अफ़ताब, अफताब, अब्जबाँधव, अब्जबांधव, अब्जहस्त, खगपति, अर्क, सहस्रकिरण, मरीची, यमसू, दिवसेश, दिवसेश्वर, दिवस्पति, दिवसकर, अविनीश, दिवसकृत, दिवसनाथ, दिवसभर्ता, दिवावसु, दिवामणि, दीप्तकिरण, दीप्तांशु, सहस्रगु, मार्तंड, मार्तण्ड, ध्वांतशत्रु, ध्वान्तशत्रु, ध्वांताराति, ध्वान्ताराति, भूताक्ष, गविष्ठ, धरुण, तिमिररिपु, तिमिरारि, तिमिरहर, विश्वप्रकाशक, स्वप्ननंशन, जगत्साक्षी, शीघ्रग, त्रयीतन, त्रयीमय, नभस्मय, नभश्चक्षु, नभश्चर, नभोमणि, चक्रबंधु, चक्रबन्धु, चक्रबांधव, चक्रबान्धव, तीक्ष्णांशु, तीक्ष्णरश्मि, तुंगीश, पद्मिनीकांत, पद्मिनीकान्त, पद्मिनीवल्लभ, पद्मबंधु, पद्मबन्धु, पद्मिनीश, पद्मगर्भ, तिग्मगर, अयुग्मवाह, द्युपति, द्युम्न, अरणि, अरणी, तपु, अरुण, दिव्यांशु, अरुन, अरुणसारथी, तमोहपह, निर्मुट, कालेश, चित्रभानु, गोकर, केश, तपस, अवबोधक, पर्परीक, वेदात्मा, वेद, गभस्ति, गभस्तिपाणि, गभस्तिहस्त, वरेय, दिनअर, हृषु, विहंग, विहग, अंबुतस्कर, अंबु तस्कर - पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाने वाला एक उपग्रह:"चंद्रमा सूर्य के प्रकाश से प्रकाशित होता है"
पर्याय: चंद्रमा, चाँद, चंद्र, चंदा, चांद, शशि, सुधाकर, राकेश, रजनीश, शशांक, शशाङ्क, इंदु, इन्दु, इंदव, इन्दव, मयंक, सोम, रजनीनाथ, निशापति, निशिपति, मृगांक, शीतभानु, कलानिधि, कलानाथ, कलाधर, चन्द्रमा, चन्द्र, तुषारकर, हिमकर, हिमवान्, हिमांशु, सुधांशु, अब्ज, अब्धिज, भग्नात्मा, निशारत्न, निशिकर, शीतकर, अमीकर, अमीनिधि, निशिपाल, निशाधीश, निशानाथ, निशामणि, निशिनाथ, निशिनायक, निशेश, रसपति, मृगमित्र, वरालि, श्रीसहोदर, श्वेतद्युति, श्वेतभानु, श्वेतधामा, श्वेतमयूख, श्वेतवाहन, श्वेतांशु, श्वेतार्चि, तुहिनकर, तुहिनकिरण, तुहिनदीधित, तुहिनद्युति, तुहिनरश्मि, तुहिनांशु, तुहिनाश्रु, शंभुभूषण, शम्भुभूषण, पीयूषमहस, पीयूषरुचि, पीयूषवर्ष, शिवशेखर, शिशिरमयूख, शिशिरकर, शीतांशु, शिशिरगु, शीतरश्मि, शीतदीधिति, सितदीधिति, शीतद्युति, शुचि, द्विजपति, द्विजेंद्र, द्विजेन्द्र, द्विजेश, नभश्चमस, नभश्चर, अमृतकर, अमृतद्युति, अमृतबंधु, अमृतबन्धु, अमृतरश्मि, अमृत-रश्मि, अमृतवपु, अमृतांशु, जैवातृक, पतम, पतय, यामिनीपति, छायांक, यामीर, सिंधुजन्मा, सिन्धुजन्मा, सिंधुनंदन, सिन्धुनन्दन, विधु, पर्वधि, सिंधुपु, तुषारकिरण, द्विज, द्विजाति, हृषु, तमोहपह, विहंग, विहग - स्वर्ग आदि में रहने वाले वे अमर प्राणी जो पूज्य माने जाते हैं:"इस मंदिर में कई देवताओं की मूर्तियाँ स्थापित हैं"
पर्याय: देवता, देव, सुर, दनुजारि, आदित्य, अदित, अनलमुख, अंबरौका, असुरारि, आदितेय, गीर्वाण, मधुप, दिवौका, अमर, विवुध, अमानुष, त्रिदश, दैत्यारि, त्रिदिवेश, त्रिदिवौकस, नभश्चर, अमृततप, अमृतबंधु, अमृतबन्धु, अमृताशन, द्युनिवास, द्युनिवासी, वृंदारक, देवक, ऋभु, आकाशचारी, भट्टारक, दैवत, सुचिरायु, भूतकृत