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विहंग का अर्थ

[ vihenga ]
विहंग उदाहरण वाक्य

परिभाषा

संज्ञा
  1. धातु आदि का बना वह पतला लम्बा हथियार जो धनुष द्वारा चलाया जाता है :"बाण लगते ही पक्षी तड़फड़ाने लगा"
    पर्याय: बाण, वाण, तीर, शर, बान, विहग, शिखी, शिखंडी, शिखण्डी, सायक, खग, पुष्कर, विशिख, शायक, पीलु, पुंडरीक, पुण्डरीक, पत्रवाह, इशिका, इशीका, चित्रपुंख, इषीका, इषु, प्राणशोषण, सलाक, मार्गन, आशुग, इष्य, ईषु, कांड, काण्ड
  2. पंख और चोंच वाला द्विपद जिसकी उत्पत्ति अंडे से होती है और जो नियततापी होता है:"झील के किनारे रंग-बिरंगे पक्षी बैठे हैं"
    पर्याय: पक्षी, चिड़िया, पंछी, पाँखी, पांखी, पंखी, खग, परिंदा, परिन्दा, विहंगम, पखेरू, विहग, पर्णवी, दिवाचर, नीड़क, नीड़ज, द्विज, द्विजाति, पाखी, रसनारव, द्विपक्ष, नभश्चर, नभसंगम, पतम, पतंगी, पतंगम, पतत्रि, पत्रती, पतन्, पतय, पत्रवाज, पत्रवाह, पत्ररथ, तपस, आकाशचारी, पतग, जिह्वारद, अंतरिक्षसत्, अन्तरिक्षसत्, उड़ु, उड़ुचर
  3. पृथ्वी पर के जल से निकली हुई वह भाप जो घनी होकर आकाश में फैल जाती है और जिससे पानी बरसता है:"आकाश में काले-काले बादल छाये हुए हैं"
    पर्याय: बादल, मेघ, घन, अंबर, जलद, नीरद, जलधर, पयोधर, अम्बर, अंबुधर, अम्बुधर, उदधि, अंभोधर, अम्भोधर, मेघा, मेह, नाग, अंबुद, अम्बुद, वारिद, वारिधर, धाराधर, तड़िद्गर्भ, तड़ित्वान्, तड़ित्वत, तड़ित्पति, सेंचक, सेचक, पाथोधर, अब्द, धाराट, अब्र, अभ्र, नदनु, मतंग, दात्यूह, वर्षकर, भव, रैवत, पाथोद, पाथोदर, तोयद, तोयधर, तोयधार, मतंगज, तोयमुच, रजलवाह, वातध्वज, श्वेतनील, श्वेतमाल, वृष्णि, शारद, पयोद, पयोजन्मा, नभधुज, नभध्वज, नभश्चर, नभोगज, नभोद्वीप, नभोधूम, नभोध्वज, नभोदुह, मेचक, वर्षाबीज, सत्रि, अर्णोद, अर्बुद, ध्वसनि, जलवाह, जलमसि, वातरथ, शक्रवाहन, चातकनन्दन, चातकनंदन, अश्म, महानाद, वलाहक, नीलभ, तोक्म, वर्षुकानंद, वर्षुकानन्द, वर्षुकांबुज, वर्षुकाम्बुज, धारावर, इंद्र, इन्द्र, धूमयोनि, सुदामा, सुदाम, सुदामन
  4. / पूर्व से सूर्य को आते देख तिमिर दुम दबाकर भागने लगा"
    पर्याय: सूर्य, सूरज, भानु, दिवाकर, भास्कर, प्रभाकर, दिनकर, रवि, आदित्य, दिनेश, सविता, पुष्कर, मिहिर, अंशुमान, अंशुमाली, अग, अदित, अवि, अनड्वान्, आफ़ताब, आफताब, अफ़ताब, अफताब, अब्जबाँधव, अब्जबांधव, अब्जहस्त, खगपति, अर्क, सहस्रकिरण, मरीची, यमसू, दिवसेश, दिवसेश्वर, दिवस्पति, दिवसकर, अविनीश, दिवसकृत, दिवसनाथ, दिवसभर्ता, दिवावसु, दिवामणि, दीप्तकिरण, दीप्तांशु, सहस्रगु, मार्तंड, मार्तण्ड, ध्वांतशत्रु, ध्वान्तशत्रु, ध्वांताराति, ध्वान्ताराति, भूताक्ष, गविष्ठ, धरुण, तिमिररिपु, तिमिरारि, तिमिरहर, विश्वप्रकाशक, विश्वप्स, स्वप्ननंशन, जगत्साक्षी, शीघ्रग, त्रयीतन, त्रयीमय, नभस्मय, नभश्चक्षु, नभश्चर, नभोमणि, चक्रबंधु, चक्रबन्धु, चक्रबांधव, चक्रबान्धव, तीक्ष्णांशु, तीक्ष्णरश्मि, तुंगीश, पद्मिनीकांत, पद्मिनीकान्त, पद्मिनीवल्लभ, पद्मबंधु, पद्मबन्धु, पद्मिनीश, पद्मगर्भ, तिग्मगर, अयुग्मवाह, द्युपति, द्युम्न, अरणि, अरणी, तपु, अरुण, दिव्यांशु, अरुन, अरुणसारथी, तमोहपह, निर्मुट, कालेश, चित्रभानु, गोकर, केश, तपस, अवबोधक, पर्परीक, वेदात्मा, वेद, गभस्ति, गभस्तिपाणि, गभस्तिहस्त, वरेय, दिनअर, हृषु, विहग, अंबुतस्कर, अंबु तस्कर
  5. पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाने वाला एक उपग्रह:"चंद्रमा सूर्य के प्रकाश से प्रकाशित होता है"
    पर्याय: चंद्रमा, चाँद, चंद्र, चंदा, चांद, शशि, सुधाकर, राकेश, रजनीश, शशांक, शशाङ्क, इंदु, इन्दु, इंदव, इन्दव, मयंक, सोम, रजनीनाथ, निशापति, निशिपति, मृगांक, शीतभानु, कलानिधि, कलानाथ, कलाधर, चन्द्रमा, चन्द्र, तुषारकर, हिमकर, हिमवान्, हिमांशु, सुधांशु, अब्ज, अब्धिज, भग्नात्मा, निशारत्न, निशिकर, शीतकर, अमीकर, अमीनिधि, निशिपाल, निशाधीश, निशानाथ, निशामणि, निशिनाथ, निशिनायक, निशेश, रसपति, विश्वप्स, मृगमित्र, वरालि, श्रीसहोदर, श्वेतद्युति, श्वेतभानु, श्वेतधामा, श्वेतमयूख, श्वेतवाहन, श्वेतांशु, श्वेतार्चि, तुहिनकर, तुहिनकिरण, तुहिनदीधित, तुहिनद्युति, तुहिनरश्मि, तुहिनांशु, तुहिनाश्रु, शंभुभूषण, शम्भुभूषण, पीयूषमहस, पीयूषरुचि, पीयूषवर्ष, शिवशेखर, शिशिरमयूख, शिशिरकर, शीतांशु, शिशिरगु, शीतरश्मि, शीतदीधिति, सितदीधिति, शीतद्युति, शुचि, द्विजपति, द्विजेंद्र, द्विजेन्द्र, द्विजेश, नभश्चमस, नभश्चर, अमृतकर, अमृतद्युति, अमृतबंधु, अमृतबन्धु, अमृतरश्मि, अमृत-रश्मि, अमृतवपु, अमृतांशु, जैवातृक, पतम, पतय, यामिनीपति, छायांक, यामीर, सिंधुजन्मा, सिन्धुजन्मा, सिंधुनंदन, सिन्धुनन्दन, विधु, पर्वधि, सिंधुपु, तुषारकिरण, द्विज, द्विजाति, हृषु, तमोहपह, विहग

उदाहरण वाक्य

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  1. पाँखें खुजलाते विहंग , हर बगिया के सपने साकार,
  2. प्रातः विहंग की ध्वनि सुनायी पड़ती है ।
  3. विहंग सालगट को भोपाल सिटी भास्कर की ज़िम्मेदारी
  4. स्वारथ सुकृत न श्रम वृथा दैख विहंग विचार।
  5. प्रातः विहंग की ध्वनि सुनायी पड़ती है ।
  6. विहंग ( 20 सदी की हिन्दी कविता में पक्षी)
  7. कोकिल कूजे मधुकर गूंजे , बोले विविध विहंग |
  8. स्वारथ सुकृत न श्रम वृथा देखु विहंग विचारि।
  9. भावों के आवेश में , उड़ते गगन विहंग..
  10. बाहु विटप सुख विहंग थलु , लगी कुपीर कुआगि ।


के आस-पास के शब्द

  1. विस्मृत करना
  2. विस्मृत होना
  3. विस्मृति
  4. विहँसता
  5. विहँसता हुआ
  6. विहंगनी
  7. विहंगम
  8. विहंगमिका
  9. विहंगिका
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