पीयूषवर्ष का अर्थ
[ piyusevres ]
पीयूषवर्ष उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाने वाला एक उपग्रह:"चंद्रमा सूर्य के प्रकाश से प्रकाशित होता है"
पर्याय: चंद्रमा, चाँद, चंद्र, चंदा, चांद, शशि, सुधाकर, राकेश, रजनीश, शशांक, शशाङ्क, इंदु, इन्दु, इंदव, इन्दव, मयंक, सोम, रजनीनाथ, निशापति, निशिपति, मृगांक, शीतभानु, कलानिधि, कलानाथ, कलाधर, चन्द्रमा, चन्द्र, तुषारकर, हिमकर, हिमवान्, हिमांशु, सुधांशु, अब्ज, अब्धिज, भग्नात्मा, निशारत्न, निशिकर, शीतकर, अमीकर, अमीनिधि, निशिपाल, निशाधीश, निशानाथ, निशामणि, निशिनाथ, निशिनायक, निशेश, रसपति, विश्वप्स, मृगमित्र, वरालि, श्रीसहोदर, श्वेतद्युति, श्वेतभानु, श्वेतधामा, श्वेतमयूख, श्वेतवाहन, श्वेतांशु, श्वेतार्चि, तुहिनकर, तुहिनकिरण, तुहिनदीधित, तुहिनद्युति, तुहिनरश्मि, तुहिनांशु, तुहिनाश्रु, शंभुभूषण, शम्भुभूषण, पीयूषमहस, पीयूषरुचि, शिवशेखर, शिशिरमयूख, शिशिरकर, शीतांशु, शिशिरगु, शीतरश्मि, शीतदीधिति, सितदीधिति, शीतद्युति, शुचि, द्विजपति, द्विजेंद्र, द्विजेन्द्र, द्विजेश, नभश्चमस, नभश्चर, अमृतकर, अमृतद्युति, अमृतबंधु, अमृतबन्धु, अमृतरश्मि, अमृत-रश्मि, अमृतवपु, अमृतांशु, जैवातृक, पतम, पतय, यामिनीपति, छायांक, यामीर, सिंधुजन्मा, सिन्धुजन्मा, सिंधुनंदन, सिन्धुनन्दन, विधु, पर्वधि, सिंधुपु, तुषारकिरण, द्विज, द्विजाति, हृषु, तमोहपह, विहंग, विहग - सफेद रंग का एक सुगन्धित पदार्थ जो दारचीनी की जाति के पेड़ों से निकलता है:"उसने आरती करने के लिए कपूर जलाया"
पर्याय: कपूर, कर्पूर, रेणुसार, मिहिका, इंदु, इन्दु, हिमांशु, अब्ज, शशांक, निशारत्न, काफूर, क़ाफूर, शीतकर, सुधांशु, अमल, अमलदीप्ति, निशाधीश, निशानाथ, निशिनाथ, श्वेतधामा, निशामणि, तुहिनाश्रु, सोमसंज्ञ, वेरक, पीयूषमहस, पीयूषरुचि, चंद्रप्रभा, चन्द्रप्रभा, शीतांशु, शीतरश्मि, शीतप्रभ, द्विजपति, द्विजेंद्र, द्विजेन्द्र, द्विजेश, चंद्रभस्म, चन्द्रभस्म, जैवातृक, नक्षत्रेश, शशाङ्क, जलमसि, शशधर, घनरस, घनसार, शशभृत, तुषारगौर, शीताभ, शीतमयूख, शीतमरीचि, प्रालेयांशु, निशापति, विधु, ताराभ्र - हिन्दू धर्मग्रंथों में वर्णित एक देवता:"चंद्रदेव को औषधियों का स्वामी कहा गया है"
पर्याय: चंद्रदेव, चन्द्रदेव, चंद्रमा, शशांक, इंदु, इन्दु, मयंक, कलानिधि, कलानाथ, कलाधर, चन्द्रमा, चन्द्र, चंद्र, हिमवान्, हिमांशु, अब्ज, अब्धिज, भग्नात्मा, निशारत्न, श्रीसहोदर, सोमराज, शंभुभूषण, शम्भुभूषण, पीयूषमहस, पीयूषरुचि, तुंगीपति, तुंगीश, सिंधुनंदन, सिन्धुनन्दन, सिंधुपुत्र, सिन्धुपुत्र, नक्षत्रनाथ, त्रिनेत्रचूड़ामणि, नक्षत्रेश, ताराधिप, ताराधीस, तारेश, परिजन्मा, शशाङ्क, शशलक्षण, शशलांछन, शशलाञ्छन, शशमौलि, शशधर, कुरंग-लांछन, कुरंगलांछन, अभिरूप, अभिरूपक, शशभृत, तारकेश, ताराधीश, तारानाथ, म, विधु, तारापीड़ - एक छंद:"पीयूषवर्ष के प्रत्येक चरण में दस और नौ के विश्राम से उन्नीस मात्राएँ होती हैं"
उदाहरण वाक्य
- मम्मट ( 11वीं शताब्दी का उत्तरार्ध), रुय्यक (12वीं शताब्दी का पूर्वार्ध), हेमचंद्र (12वीं शताब्दी का उत्तरार्ध), पीयूषवर्ष जयदेव (13वीं शताब्दी का उत्तरार्ध), विश्वनाथ कविराज (14वीं शताब्दी का पूर्वार्ध), पंडितराज जगन्नाथ (17वीं शताब्दी का मध्यकाल)-इसी संप्रदाय के प्रतिष्ठित आचार्य हैं।
- मम्मट ( 11 वीं शताब्दी का उत्तरार्ध ) , रुय्यक ( 12 वीं शताब्दी का पूर्वार्ध ) , हेमचंद्र ( 12 वीं शताब्दी का उत्तरार्ध ) , पीयूषवर्ष जयदेव ( 13 वीं शताब्दी का उत्तरार्ध ) , विश्वनाथ कविराज ( 14 वीं शताब्दी का पूर्वार्ध ) , पंडितराज जगन्नाथ ( 17 वीं शताब्दी का मध्यकाल ) -इसी संप्रदाय के प्रतिष्ठित आचार्य हैं।
- मम्मट ( 11 वीं शताब्दी का उत्तरार्ध ) , रुय्यक ( 12 वीं शताब्दी का पूर्वार्ध ) , हेमचंद्र ( 12 वीं शताब्दी का उत्तरार्ध ) , पीयूषवर्ष जयदेव ( 13 वीं शताब्दी का उत्तरार्ध ) , विश्वनाथ कविराज ( 14 वीं शताब्दी का पूर्वार्ध ) , पंडितराज जगन्नाथ ( 17 वीं शताब्दी का मध्यकाल ) -इसी संप्रदाय के प्रतिष्ठित आचार्य हैं।