तनूनपात् का अर्थ
[ tenunepaat ]
परिभाषा
संज्ञा- दही या दूध मथने से निकला हुआ उसका सार भाग जिसे तपाने से घी बनता है:"बाल श्रीकृष्ण को मक्खन बहुत प्रिय था"
पर्याय: मक्खन, माखन, कच्चा घी, नवनीत, नवनी, नैनूँ, लवनी, नैनू, नयनू, मस्का, मसका, नेऊन, अमृतसार, तनूनपाद् - जलती हुई लकड़ी, कोयला या इसी प्रकार की और कोई वस्तु या उस वस्तु के जलने पर अंगारे या लपट के रूप में दिखाई देने वाला प्रकाशयुक्त ताप:"आग में उसकी झोपड़ी जलकर राख हो गई"
पर्याय: आग, अग्नि, पावक, हुतासन, अनल, अगन, अगिया, अगिन, अगनी, अगिर, दाहक, आतश, आतिश, अनिलसखा, विंगेश, दाढ़ा, वह्नि, ध्वांतशत्रु, ध्वान्तशत्रु, ध्वांताराति, ध्वान्ताराति, पशुपति, वैश्वानर, अमिताशन, धरुण, विश्वप्स, पवन-वाहन, जगन्नु, सोमगोपा, शिखि, शिखी, वृष्णि, शुक्र, शुचि, तनूनपाद्, अय, तपुर्जम्भ, तपुर्जंभ, तपु, तमोहपह, तमोनुद, अर्क, बाहुल, जल्ह, चित्रभानु, कालकवि, अर्दनि, बहनी, नीलपृष्ठ, मलिनमुख, द्यु, अशिर, आगी, आगि, परिजन्मा, अगिआ, आज्यमुक, आशर, वर्हा, वसुनीथ, वसु, हेमकेली, आशुशुक्षणि, पर्परीक, लघुलय, आश्रयास, यविष्ठ, राजन्य, हृषु, बरही, भारत - दूध का वह चिकना सार जो मक्खन को तपा कर प्राप्त किया जाता है:"वह प्रतिदिन रोटी में घी लगाकर खाता है"
पर्याय: घी, घीव, घृत, नवनीतक, तोयद, नवनीतज, तनुनप, अमृतसार, तनूनपाद्, तनूनप, वाज, आज्य, सर्पि, तामर, देसी घी, शुद्ध घी - औषधि के रूप में काम आने वाला एक पेड़:"चीते से कई प्रकार की औषधियाँ बनायी जाती हैं"
पर्याय: चीता, चित्रक, द्वीपी, पाठी, पाठीकुट, तनूनपाद्, अशन, अग्निॉ