आज्य का अर्थ
[ aajey ]
आज्य उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञाउदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- स्रुवा पात्र से स्रुची में लेकर आज्य होम किया जाता है ।
- ( 9 ) आज्य तप्त घृत की आज्य कहा गया है ।
- ( 9 ) आज्य तप्त घृत की आज्य कहा गया है ।
- आज्य की कुल भूमि का 51 . 7 प्रतिशत भाग राज्य का बुआई क्षेत्र है।
- यजमान के पात्र से आज्य के गिर जाने पर प्रायश्चित्त का विधान है।
- ( 10 ) आज्यस्थाली याग में आज्य रखने के पात्र को आज्यस्थाली कहते हैं ।
- होता , मैत्रावरुण , ब्राह्मणाच्छंसी और अच्छावाक- ये आज्य , प्रउग प्रभृति शस्त्रों * का शंसन करते हैं।
- उपर्युक्त मन्त्र में नराशंस को लागों में प्रशंसित , कीर्ति की ज्योति से युक्त तथा आज्य का प्रेमी कहा गया है।
- नराशंस प्रयाजयाग में आज्य अग्नि में ‘ये यजामहे ' नराशंसो अग्न आजय वेतु 3 वो 3 षट' मन्त्र पढ़कर छोड़ा जाता है।
- उपर्युक्त मन्त्र में नराशंस को लागों में प्रशंसित , कीर्ति की ज्योति से युक्त तथा आज्य का प्रेमी कहा गया है।