ढाँक का अर्थ
[ dhaanek ]
ढाँक उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- किसी वस्तु,स्थान आदि का ऊँचा किनारा:"वह नदी के कगार पर पहुँचकर पानी में कूद गयी"
पर्याय: कगार, विब्रंश, होंठी - एक पेड़ जिसमें लाल पुष्प लगते हैं:"इस बाग में पलाश की अधिकता है"
पर्याय: पलाश, पलास, किंशुक, टेसू, टेसुआ, ढाक, धाक, पलाश वृक्ष, किंशुक वृक्ष, पड़ाशी, त्रिवृंत, त्रिवृन्त, त्रिपर्ण, त्रिपर्णा, डाख, लाक्षातरु, वक्रपुष्प, पलंकषा, पलंकषी, पूत, पूतदारु, पूतद्रु, पूत-द्रु, यूप्य, बहुपत्र, कनक, मेघद्वार, केसू, रक्तपुष्पक, राजादन, ब्रह्मवृक्ष, ब्रह्मद्रुम, ब्रह्मपादप, महावरोह, वातपोथ, वातपोथक - पलाश के वृक्ष से प्राप्त लाल पुष्प:"वह पलाश से माँ सरस्वती की पूजा करता है"
पर्याय: पलाश, पलास, पलाश पुष्प, टेसू, टेसुआ, पलास पुष्प, किंशुक, ढाक, धाक, डाख, वक्रपुष्प, नाहर, पलंकषा, पलंकषी, पूत, पूतदारु, पूतद्रु, बहुपत्र, कनक, केसू, पूत-द्रु, महावरोह
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- मुँह ढाँक कर सोने से बहुत बेहतर है।
- यथाश्क्ति अपने जिस्म को ढाँक कर रखती थी।
- मुँह ढाँक कर सोने से बहुत अच्छा है ,
- लोककवियों ने गाथा भी रच दी , जो ढाँक
- कुबद का खान ऊपर ढाँक पर है
- को तो ढाँक दे ! ऐसा युवान
- हाँडी गोरस की धरी वापे ढाँक के
- मुँह ढाँक कर सोने से बहुत अच्छा है ,
- दूध के बर्तन को ढाँक कर रखना चाहिए ।
- वस् त्रों में ढाँक कर शरीर छिपा नहीं है।