नान्दीमुख का अर्थ
[ naanedimukh ]
नान्दीमुख उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- एक प्रकार का श्राद्ध जिसे कर्ता का अभ्युदय करने वाला माना जाता है:"हमारे पड़ोसी आज आभ्युदयिक श्राद्ध करा रहे हैं"
पर्याय: आभ्युदयिक श्राद्ध, नांदीमुख श्राद्ध, आभ्युदयिक, नांदीमुख, नान्दीमुख श्राद्ध
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- ( 3), लेपभाज: (3), नान्दीमुख (3) एवं अश्रुमुख (3)।
- वृद्धि श्राद्ध को नान्दीमुख भी कहा जाता है।
- नान्दीमुख श्राद्ध तथा विशेष अनुष्ठानों के प्रधान देवताका पूजन-विधान यहाँ नहीं दिया गयाहै , अन्य पद्धतियोंको देखकर करना चाहिये ।
- ( 3 ) , लेपभाज : ( 3 ) , नान्दीमुख ( 3 ) एवं अश्रुमुख ( 3 ) ।
- ( 3 ) , लेपभाज : ( 3 ) , नान्दीमुख ( 3 ) एवं अश्रुमुख ( 3 ) ।
- फिर वे राजा दशरथ से कहने लगे , ” हे नृपश्रेष्ठ ! अब आप इनसे गौ दान कराकर नान्दीमुख श्राद्ध का कार्य सम्पन्न कीजिये।
- दिव्य पितर की जमात के सदस्यगण : अग्रिष्वात्त , बर्हिषद आज्यप , सोमेप , रश्मिप , उपदूत , आयन्तुन , श्राद्धभुक व नान्दीमुख ये नौ दिव्य पितर बताए गए हैं।
- १ २ . ६ ७ ( नान्दीमुख श्राद्ध के संदर्भ में द्विजों को भूमि पर दण्डवत् प्रणाम करने के पश्चात् उत्थित होकर अमृत वचन कहने का निर्देश ) , स्कन्द १ . १ .
- अग्रिष्वात्त , बर्हिषद आज्यप , सोमेप , रश्मिप , उपदूत , आयन्तुन , श्राद्धभुक व नान्दीमुख ये नौ दिव्य पितर बताये गये हैं आदित्य , वसु , रूद्र , तथा दोनों अश्विनी कुमार भी केवल नान्दीमुख पितरों को छोडकर शेष सभी को तृप्त करते हैं।
- अग्रिष्वात्त , बर्हिषद आज्यप , सोमेप , रश्मिप , उपदूत , आयन्तुन , श्राद्धभुक व नान्दीमुख ये नौ दिव्य पितर बताये गये हैं आदित्य , वसु , रूद्र , तथा दोनों अश्विनी कुमार भी केवल नान्दीमुख पितरों को छोडकर शेष सभी को तृप्त करते हैं।