पंखुरिया का अर्थ
[ penkhuriyaa ]
पंखुरिया उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञाउदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- उसने अपने सपनों की पंखुरिया को हवा में उड़ा दिया और फिर न जाने यह कैसे हर जहां को महका गई।
- कहीं कमल की पंखुरिया बिखरी है , तो कही लालटेन की तेल ख़तम हो गयी है , तीर धनुष का धनुष टूट गया है ।
- ! !! मैं वो गुज़रे ज़माने की चीज़ हूँ जो रख के, कोने में भुला दी जाती है तब उस...! *उस किताब में उसके लिखे सारे नज़्म थे * *और साथ में गुलाब की वो आखिरी पंखुरिया * * * * सुना है आज किताब भी जल गया और पंखुरिया उसके मज़ार पर हैं ...
- ! !! मैं वो गुज़रे ज़माने की चीज़ हूँ जो रख के, कोने में भुला दी जाती है तब उस...! *उस किताब में उसके लिखे सारे नज़्म थे * *और साथ में गुलाब की वो आखिरी पंखुरिया * * * * सुना है आज किताब भी जल गया और पंखुरिया उसके मज़ार पर हैं ...
- मेरे भीतर एक स्त्री रहती है जो पढ़ लेती है आँखों की भाषा , नोच लेती है मेरा आवरण और , गिन लेती है चेहरे पर उदासी की सभी रेखाएं , चुन लेती है स्मित की पंखुरिया , मेरे जिस्म पर हर कही , चिपकी रहती है उसकी आँखें , बरजती रहती है , गलत सा कुछ दिखते ही …
- हे उषा देवीके चंचल कलीके , युग्म के ललाट की पहली रेखा दे रहा हूं बधाई सानन्द, जन्मदिन की अभिलेखा 'प्रतीक्षा' केवल प्रतीक्षा का संगम, परिवर्तित हुआ इतना नववर्षकी रजनीमें,नव तुषारका सघन मिलन होता जितना जीवन तेरा स्वर्णमयी हो, बिखरा हो वसंत मधुमयी भाग्य सर्वदा मीत तुम्हारा, लाये उमंग हर पल नयी फ़ले फ़ुले जीवन की बगिया, नित फ़ुलोंका साज लिये सजे गीत जीवन में तेरे, नित नया झंकार लिये मै हूं आगन्तुक व्यक्ति, करता अभिलाषा सविशेष अर्पित शब्दोंकी पंखुरिया, “ मुन्नी” को मेरा मधुमय संदेश...
- जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई हे उषा देवीके चंचल कलीके , युग्म के ललाट की पहली रेखा दे रहा हूं बधाई सानन्द, जन्मदिन की अभिलेखा 'प्रतीक्षा' केवल प्रतीक्षा का संगम, परिवर्तित हुआ इतना नववर्षकी रजनीमें,नव तुषारका सघन मिलन होता जितना जीवन तेरा स्वर्णमयी हो, बिखरा हो वसंत मधुमयी भाग्य सर्वदा मीत तुम्हारा, लाये उमंग हर पल नयी फ़ले फ़ुले जीवन की बगिया, नित फ़ुलोंका साज लिये सजे गीत जीवन में तेरे, नित नया झंकार लिये मै हूं आगन्तुक व्यक्ति, करता अभिलाषा सविशेष अर्पित शब्दोंकी पंखुरिया, “ मुन्नी” को मेरा मधुमय संदेश...