पंगति का अर्थ
[ pengati ]
पंगति उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञाउदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- वरदंत की पंगति कुंद कली अधराधर पल्लव खोलन की ।
- वरदंत की पंगति कुंद कली अधराधर पल्लव खोलन की .
- वरदन्त की पंगति कुन्दकली अधराधर पल्लव डोलन की… . पर पतरौल ज्यू का डर अब भी यथावत् है।
- मुँह खोलते ही ' वरदंत की पंगति कुंद कली' सी खिल जाती है, मानो 'दामिनि दमक गई हो' या 'मोतिन माल अमोलन' की बिखर गई हो।
- रवि किशन के साथ अपने फ़िल्मी कैरियर की शुरुवात करने वाली अंजना ने मात्र आठ महीने में ही अग्रीम पंगति की अभिनेत्रियो में खुद को शुमार कर लिया है .
- अनन्तर १० बजे के भीतर जोगीडीपा जिसे “जनकपुर” और सिंदूरगिरि भी कहते हैं जाया करते; वहां हनुमान जी का दर्श्शन ( दर्शन) और वहां का उद्यान निरीक्षण कर १२ बजे लौटकर पंगति में शामिल हुवा करते थे।
- ब्लाग दुआरे सकारे गई उहाँ पोस्टन देखि के मन हुलसे अवलोकत हूँ कभी सोंचत हूँ अब कौन सा पोस्ट पढूँ झट सेघूंघरारी लटें समरूप दिखें कविता ग़ज़लें लगि झूलन सीकहीं नज़्म दिखे कुछ मुक्तक हैं कई पोस्ट पे स्निग्ध कपोलन सी परदन्त की पंगति कथ्य
- दूसरी ओर तुलसी राम की बाल छवि को ह्रदय में आकार देते हुए आनन्द से निहारते हुए कहतें हैं “ वर दन्त की पंगति कुंद कली , अधराधर पल्लव खोलन की चपला चमके घन बीच जगे, ज्यूँ मोतिन माल अमोलन की घुन्घरारी लटें लटकें मुख ऊपर ,कुंडल लोल कपोलन की न्योछावरी प्राण करें तुलसी, बलि जाऊं लला इन बोलन की ” तथ्य यह है कि हम सब आनन्द चाहते हैं और आनन्द की खोज में ही जीवन में भटक रहे हैं.