पंचतत्त्व का अर्थ
[ penchettetv ]
पंचतत्त्व उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञाउदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- पंचतत्त्व हैं-पृथ्वी , पानी, पवन, तेज और आकाश।
- नष्वर तन दुख मूल , पंचतत्त्व से जो रचित।
- नष्वर तन दुख मूल , पंचतत्त्व से जो रचित।
- पंचतत्त्वों से बनी आँखें सिर्फ पंचतत्त्व देख सकती हैं।
- पंचगंगा , पंचगुप्त, पंचतत्त्व, पंचतन्मात्रा, पंचदेव, पंचमकार, पंचयज्ञ
- पंडितों ने व्याख्या की , ‘जब तक पंचतत्त्व
- पंचतत्त्व परब्रह्म स्वरुप है और श्रेष्ठ गतिदायक हैं ।
- पंचतत्त्व इसके बाद में पैदा होते हैं।
- पंचतत्त्व निर्मित शरीर का क्षय होता है , परिवर्तन नहीं।
- इस पंचतत्त्व की काया के , रँग-रूप बहुत प्रिय लगते हैं।