पसंगा का अर्थ
[ pesnegaaa ]
पसंगा उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- तराज़ू की डंडी या तौल बराबर करने के लिए उठे हुए पलड़े पर रखा हुआ कोई बोझ:"दुकानदार ने सामान तौलते समय पासंग हटा दिया था"
पर्याय: पासंग, पसंघा, पासंघ - लक्ष्यार्थ से किसी की योग्यता की तुलना में बहुत कम होने की अवस्था या भाव:"आजतक मैंने जितने मंदिर देखे वे सभी मंदिर इस मंदिर के पासंग भी नहीं हैं"
पर्याय: पासंग, पसंघा, पासंघ
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- ऐसा हुआ कमाल , सभी पसंगा बन गया ,
- और राजनीतिक सत्ता के आगे पत्रकार या पत्रकारिता पसंगा भर भी नहीं है।
- और राजनीतिक सत्ता के आगे पत्रकार या पत्रकारिता पसंगा भर भी नहीं है।
- रावण जिस न्याय की लड़ाई लडता है , वह आदिवासियों के संघर्ष का पसंगा भी नहीं है।
- रावण जिस न्याय की लड़ाई लडता है , वह आदिवासियों के संघर्ष का पसंगा भी नहीं है।
- मेरा ज़िक्र तक नहीं करते हो ! अरी भागवान , तू नादान क्या जाने कि तेरा आतंक उन आतंकियों का पसंगा भी नहीं है !
- मुझे लगता है कि कानून की जितनी मार इमानदार , गरीबों पर पड़ती है, उसकी पसंगा भर भी अमीरों, बैमानों,दादाओं, गुंडों, चोरों, डकैतों ......आदि-आदि पर नहीं पड़ती.
- लिखने वाले भी कम चतुर सुजान नहीं है , कोई कलम कोई हाथ तो कोई पुचकार और फटकार के साथ बचा बचा कर लिख रहे है , कुछ तो ऐसे भी है कि सखा बनकर चोट कर रहे है तो कुछ सरकारी नौकरों नाते रिश्तेदारों को गरिया कर लेखन और शिवराज के बीच पसंगा बराबर रखने कि कसरत कर रहे है .
- इस अवसर पर दर्जन भर ग्रंथों का लोकार्पण हुआ जिनमें आशा श्रीवास्तव की नारी शोषण एवं मानवाधिकार , मानिक विश्वकर्मा की पसंगा और लंबे दिन लंबी रातें , डॉ . शोभाकान्त झा की राजा जनक के बाग में , राजेन्द्र भारतीय की सीडी , डॉ . रामकुमार बेहार की आदिवासी बस्तर और प्रवीरचन्द्र भंजदेव तथा सप्तक चार , रीना अधिकारी की नागफनी , आदि शामिल हैं ।